23-Jul-2023 06:20 PM
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नयी दिल्ली 24 जुलाई (संवाददाता) उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि संसद को हर पल ठप करना उचित नहीं है और प्रश्नकाल नहीं होने को कभी भी तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता।
श्री धनखड़ ने यहां जामिया मिलिया इस्लामिया के शताब्दी वर्ष के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि असहमति लोकतांत्रिक प्रक्रिया का स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन असहमति को शत्रुता में बदलना लोकतंत्र के लिए अभिशाप से कम नहीं है। यह 'विरोध' 'प्रतिशोध' में नहीं बदलना चाहिए और बातचीत तथा चर्चा ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है ।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र पूरी तरह से संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श और बहस के बारे में है तथा व्यवधान और गड़बड़ी को लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि लोकतंत्र में अशांति को हथियार बनाया जा रहा है।
लोकतांत्रिक मूल्यों को संरक्षित रखने के लिए सभी से सहयोग करने का आह्वान करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि संसद को हर पल ठप करने का कोई बहाना नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा, " देश के लोग इसके लिए भारी कीमत चुका रहे हैं।जब किसी विशेष दिन संसद में व्यवधान होता है, तो प्रश्नकाल नहीं होता।प्रश्नकाल शासन में जवाबदेही और पारदर्शिता का एक तंत्र है। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए बाध्य है। जब आप लोकतांत्रिक मूल्यों और सुशासन के संदर्भ में सोचते हैं तो प्रश्नकाल न होने को कभी भी तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता।"
उपराष्ट्रपति ने कहा,“ भारत की उल्लेखनीय आर्थिक वृद्धि के साथ, चुनौतियाँ भी आना तय है। हमारी प्रगति हर किसी को पसंद नहीं आ सकती।”
उन्होंने युवाओं से पहल करने और ऐसी ताकतों को बेअसर करने का आह्वान करते हुए कहा, 'आपके संस्थानों और विकास की कहानी को कलंकित करने और अपमानित करने के लिए कुछ खतरनाक ताकतें हैं, जिनके भयावह इरादे हैं।'
कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों का जिक्र करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि वे अस्थिर आधारों पर भारत विरोधी कथ्य को बढ़ावा देने के स्थल बन गए हैं। ऐसे संस्थान छात्रों और संकाय सदस्यों का प्रयोग अपने संकीर्ण एजेंडे के लिए भी करते हैं।
उन्होंने छात्रों से ऐसी स्थितियों से निपटने के दौरान जिज्ञासु होने और निष्पक्षता पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
श्री धनखड़ ने पारदर्शिता और जवाबदेही को वर्तमान सरकार का मुख्य फोकस क्षेत्र बताते हुए कहा कि आज भ्रष्टाचार, बिचौलियों और सत्ता के दलालों के लिए कोई जगह नहीं है। सभी भ्रष्टाचारी एक समूह में एकत्रित हो गए हैं। वे छिपने और भागने के लिए सभी ताकतों का प्रयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कानून के शासन को चुनौती देने के लिए सड़क पर प्रदर्शन सुशासन और लोकतंत्र की पहचान नहीं है। भ्रष्टाचार न्यायसंगत विकास और समान अवसरों के विरुद्ध है।...////...