31-Dec-2021 09:03 PM
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नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (AGENCY) वित्तीय मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने एमएसएमई क्षेत्र में ऋण प्रवाह के मुद्दे पर जनता और अन्य हितधारकों के सुझाव आमंत्रित किए हैं।
भाजपा सांसद जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में समिति ने देश की अर्थव्यवस्था की दृष्टि से झूक्ष्म, लधु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) उद्यम क्षेत्र के व्यापक प्रभाव और महत्व को देखते इस क्षेत्र के लिए ऋण की सुविधा मजबूत करने के मुद्दे पर सभी संबंधित लोगों के विचार और सुझाव आमंत्रित किए हैं।
विशेषज्ञों, जनता और अन्य हितधारकों की तरफ से जो भी सुझाव और विचार प्रस्तुत किए जाएंगे, वे संसदीय समिति के रिकॉर्ड का हिस्सा होंगे और उन्हें गोपनीय रखा जाएगा।
गौरतलब है कि एमएसएमई को अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन माना जाता है। इस क्षेत्र की इकाइयों में लगभग 11 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है।
अधिकांश एमएसएमई कार्यशील पूंजी के लिए बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत वित्त पर निर्भर हैं। यहां तक कि संस्थागत वित्त तक पहुंच रखने वालों को भी उनकी कमजोर बैलेंस शीट के कारण उच्च ब्याज दर का भुगतान करना पड़ता है।
देश में 633.88 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) हैं, जिनमें से सूक्ष्म उद्यम 630.52 लाख (99.47 प्रतिशत), लघु उद्यम 3.31 लाख (0.52 प्रतिशत) और मध्यम उद्यम 0.05 लाख (0.01 प्रतिशत) हैं।
भारत के सकल घरेलू उत्पाद एमएसएमई का योगदान लगभग 30 प्रतिशत है। 2019-20 के दौरान एमएसएमई के क्षेत्र का वाणिज्यक निर्यात बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये से ऊपर था जो निर्यात में 49.75 फीसदी की हिस्सेदारी रखता है।...////...