समुद्री हिताें की रक्षा में सदैव तत्पर रहना चाहिए नौसेना को: मुर्मु
17-Aug-2023 06:51 PM 5005
नयी दिल्ली 17 अगस्त (संवाददाता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि नौसेना को सुरक्षा खतरों से निपटने तथा समुद्री हितों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। श्रीमती मुर्मु ने गुरूवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा निर्मित भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17 ए के छठे युद्धपोत विंध्यागिरी को लांच करने के समारोह में हिस्सा लेते हुए यह बात कही। इस इस अवसर पर हिन्द महासागर की सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलुओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें समुद्री डकैती, मादक पदार्थों के साथ-साथ मानव तस्करी और प्राकृतिक आपदाओं से निपटना शामिल है। उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए नौसेना को देश के समुद्री हितों की रक्षा और सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि विंध्यागिरी पोत देश की बढती समुद्री क्षमताओं का प्रतीक है। इसका निर्माण आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। विंध्यागिरी प्रोजेक्ट 17 ए का हिस्सा है जो आत्मनिर्भरता और तकनीकी प्रगति के लिए देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह परियोजना अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए स्वदेशी नवाचार का भी प्रमाण है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और देश निकट भविष्य में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की कोशिश में है। उन्होंने कहा कि बढ़ती अर्थव्यवस्था का मतलब है कि समुद्र के जरिये व्यापार भी बढेगा जिससे हमारे लिए महासागरों का महत्व भी बढ जाता है।...////...
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