18-Feb-2022 11:35 PM
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नयी दिल्ली, 18 फरवरी (AGENCY) केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को व्यापमं द्वारा आयोजित प्री-मेडिकल टेस्ट-2013 से संबंधित एक मामले में व्यापमं (भोपाल) के तत्कालीन नियंत्रक सहित 160 आरोपियों के खिलाफ मध्य प्रदेश के भोपाल कोर्ट में पूरक आरोप पत्र दायर किया है।
पूरक आरोप पत्र व्यापमं के तत्कालीन नियंत्रक, चिकित्सा शिक्षा (डीएमई) के तत्कालीन निदेशक, डीएमई के कार्यालय में तत्कालीन संयुक्त सचिव, 16 अधिकारी जिसमें भोपाल, इंदौर के निजी चिकित्सा कॉलेज के अध्यक्ष, 56 लाभान्वित उम्मीदवार, 46 फर्जी अभ्यार्थी (दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने वाले), लाभान्वित अभ्यर्थियों के 30 अभिभावक और नौ बिचाैलिए के खिलाफ दाखिल किया गया है।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, 'विभिन्न अन्य याचिकाओं के साथ रिट याचिका में पारित सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए सीबीआई ने 21 अगस्त, 2015 को मामला दर्ज किया था और एमपी व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) द्वारा आयोजित पीएमटी-2013 में अनियमितताओं से संबंधित इंदौर के राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन में पहले से दर्ज एक मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।'
सीबीआई ने कहा, स्थानीय पुलिस ने 6 जुलाई, 2013 को इंदौर से दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था। चूंकि मामले मामले का प्रभाव काफी ज्यादा था इसलिए इसकी जांच राजेंद्र नगर पुलिस स्टेशन से अपराध शाखा को और बाद में अगस्त, 2013 में एसटीएफ (भोपाल) को स्थानांतरित कर दिया गया था।
सीबीआई ने आगे कहा, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, शहडोल, रतलाम और सागर सहित मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से संचालित होने वाले रैकेटर्स कथित तौर पर पीएमटी परीक्षा में लाभार्थी उम्मीदवारों को सॉल्वर की व्यवस्था कराने में शामिल रहे थे। रैकेटियों द्वारा संबंधित सॉल्वर एवं लाभार्थी अभ्यर्थियों की जोड़ियां बनाई जा रही थी।
यह आरोप लगाया गया था कि इसके बाद रैकेटर्स ने इन सॉल्वर-लाभार्थी उम्मीदवारों के रोल नंबरों को व्यापमं अधिकारियों के माध्यम से जोड़-तोड़ किया, जैसे कि एक लाभार्थी उम्मीदवार अपने सॉल्वर उम्मीदवार के ठीक पीछे बैठा हो, इस प्रकार लाभार्थी को धोखा देने और सॉल्वर उम्मीदवारों के उत्तरों की नकल करने में सक्षम बनाया जाता था।
सीबीआई ने तत्काल मामले में 490 आरोपियों के खिलाफ 31 अक्टूबर 2017 को भोपाल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
सीबीआई ने शेष आरोपियों के खिलाफ दर्ज अन्य आरोपों की आगे की जांच की, जिसमें लाभार्थी उम्मीदवारों और सॉल्वरों को अनुकूल रोल नंबर देने में हेरफेर, बिचौलियों / रैकेटियों के साथ साजिश, मध्य प्रदेश के 3 निजी मेडिकल कॉलेजों और अन्य सह-अभियुक्तों के साथ साजिश शामिल हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश के उक्त निजी मेडिकल कॉलेजों में अपात्र छात्रों / उम्मीदवारों को अवैध प्रवेश की सुविधा प्रदान की, राज्य के उक्त निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा एमबीबीएस की राज्य कोटा सीटों को अवैध रूप से खाली कराने और अपात्र छात्रों/उम्मीदवारों के अवैध प्रवेश कराने में शामिल रहे।...////...