सीएमवीआर का उल्लंघन कर ड्राइविंग लाइसेंस को केवल डिजिटल रूप में जारी करने का प्रस्ताव सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा-सोई
19-Mar-2024 07:01 PM 3613
जयपुर,19 मार्च (संवाददाता) अन्तर्राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ और केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा परिषद के सदस्य डा कमल सोई ने राजस्थान सरकार के परिवहन विभाग द्वारा सीएमवीआर का उल्लंघन कर ड्राइविंग लाइसेंस एवं वाहन पंजीकरण प्रमाण पत्र को केवल डिजिटल रूप में जारी करने के प्रस्ताव को मौजूदा कानूनों एवं दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन एवं सड़क सुरक्षा एवं कानूनी अनुपालन के लिए गंभीर खतरा बताया है। डा सोई ने मंगलवार को यहां मीडिया से कहा कि परिवहन विभाग द्वारा आगामी एक अप्रैल से केवल डिजिटल ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करना मौजूदा कानूनों एवं दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भौतिक रूप में (लैमिनेटेड कार्ड या स्मार्ट कार्ड) ड्राइविंग लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करने के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद राजस्थान परिवहन विभाग कानूनी अधिदेशों एवं दिशानिर्देशों की अवहेलना करते हुए सिर्फ डिजिटल दस्तावेज जारी करने पर ज़ोर दे रहा है। राजस्थान परिवहन विभाग ने गत आठ फरवरी को अधिसूचना जारी कर दी है कि आगामी एक अप्रैल से ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन पंजीकरण प्रमाणपत्र केवल डिजिटल रूप में ही जारी किए जाएंगे। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की स्पष्ट अडवाइज़री का हवाला देते हुए डा सोई ने कहा कि केन्द्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीकरण प्रमाण पत्र सिर्फ भौतिक रूप में ही जारी किए जाने चाहिए। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गत 18 जुलाई और नौ फरवरी को स्पष्टीकरण दिया है कि इन नियमों का अनुपालन करते हुए लेमिनेटेड-कार्ड प्रकार के दस्तावेज जारी करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि वह इस मुद्दे के समाधान के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं, जिसमें राजस्थान परिवहन विभाग को गत 14 अप्रैल, चार मई और चार नवम्बर को दिए गए अभ्यावेदन शामिल हैं, जिनके द्वारा कानूनी नियमों और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुपालन की मांग की गई है। लेकिन विभाग मानदण्डों की अवहेलना करते हुए सिर्फ डिजिटल दस्तावेज जारी करने करने पर कायम है। उन्होंने कहा कि राजस्थान परिहवन विभाग राज्य में डीएल/आरसी को प्रिंट करने के लिए ई-मित्र केन्द्र रूट अपनाना चाहता है और एनआईसीएसआई के माध्यम से इसे लागू नहीं करना चाहता है। लेकिन हर ई-मित्र केन्द्र के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के कर्थित निर्देशों का अनुपालन करना और वेब सर्विस का उपयोग करने के लिए लेखापरीक्षण का प्रमाणपत्र पाना असंभव है। डा सोई ने कहा कि राजस्थान पाकिस्तान का सीमा राज्य है और आतंकवादी खतरों के लिए संवेदनशील है। ऐसे राज्य सरकार को इस मुद्दे की गंभीरता को समझना चाहिए और सख्ती से सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी डीएल/आरसी डेटा लीक न हो और न ही पब्लिक डोमेन में उपलब्ध हो। अगर सरकार ई-मित्र केन्द्र के माध्यम से डीएल/आरसी प्रिंट कराने की अनुमति देती है, जैसा कि परिवहन विभाग ने फैसला लिया है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए कोई तरीका नहीं है कि डेटा लीक नहीं होगा /पब्लिक डोमेन में उपलब्ध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि राज्य में डीएल/आर प्रिंटिंग के लिए ई-मित्र केन्द्र रूट की अनुमति न दें और इसके बजाए एनआईसीएसआई के माध्यम से इसे लागू करें, जैसा कि पहले किया जाता रहा है। इस एजेंसी के साथ राज्य में डीएल/आरसी जारी करने का व्यापक अनुभव है और एजेन्सी के पास इस काम के लिए उद्योग जगत के विशेषज्ञ हैं। केन्द्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप एनआईसीएसआई को जारी रखने पर विचार करें, जो वर्तमान में राजस्थान को अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। डा सोई ने कहा कि अगर राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया तो मजबूरन इसे रोकने के लिए न्यायालय की शरण ली जायेगी।...////...
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