11-Oct-2023 07:24 PM
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श्रीनगर, 11 अक्टूबर (संवाददाता) केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि सीखना आजीवन होना चाहिए, क्योंकि यह पेशेवर करियर में आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
श्री सिन्हा ने आज यहां कश्मीर विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "सीखने से पेशेवर करियर में आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है, जिससे हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में चल रहे सामाजिक परिवर्तन में स्थिर योगदान मिलता है।" उन्होंने कहा कि सीखना आजीवन होना चाहिए और आने वाले दशकों में ज्ञान आर्थिक विकास का मुख्य चालक होगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि थीं। राष्ट्रपति जम्मू-कश्मीर की दो दिन की यात्रा पर हैं। इस दौरान, उन्होंने विद्यार्थियों और विद्वानों को डिग्री और पदक प्रदान किए।
उपराज्यपाल ने कहा, " गरिमामयी उपस्थिति से कश्मीर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति का मैं आभारी हूं। यह जानकर मुझे खुशी हुई कि आज स्वर्ण पदक से सम्मानित कुल विद्यार्थियों में से 66 प्रतिशत से अधिक हमारी बेटियां हैं।"
उपराज्यपाल ने कहा, “हमारी बेटियों की उपलब्धि, उनका आत्मविश्वास, साहस, शिक्षा और विभिन्न अन्य क्षेत्रों में नए कीर्तिमान बनाने की क्षमता पूरे प्रदेश के लिए बहुत गर्व की बात है। यह देश के उज्जवल भविष्य का प्रतिबिंब है और महिला नेतृत्व वाले विकास की दिशा में एक कदम है।
श्री सिन्हा ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों को उन्नत अनुसंधान, नवाचार, नए आविष्कार के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने, समाज और उद्योगों की जरूरतों पर उचित प्रतिक्रिया देने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा, "स्थानीय समुदायों की सेवा करने और कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाने के लिए हमें एक मजबूत तंत्र की आवश्यकता है।" उपराज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह शैक्षणिक कैलेंडर के साथ-साथ विद्यार्थी जीवन में भी एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है। यह एक मजबूत और 'विकसित भारत' के निर्माण में योगदान करने के अनंत अवसरों के साथ अकादमिक और व्यावसायिक दोनों तरह से प्रगति के पथ पर एक कदम है।...////...