सेवाओं का वार्षिक निर्यात 2030 तक हजार अरब डालर तक संभव: गोयल
09-Nov-2021 06:55 PM 5996
नयी दिल्ली, 09 नवंबर (AGENCY) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि भारत से सेवाओं का निर्यात 2030 तक एक हजार अरब डालर (करीब 75 हजार अरब रूपये वार्षिक) तक पहुंच सकता है। उन्होंने यह कहा कि सरकार मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में ऐसी व्यवस्थाएं करने को प्रयासरत है जिनसे भारत के सेवा निर्यात को बढाया जा सके। श्री गोयल ने यह भी बताया कि भारत से निर्यातित सवाओं के लिए प्रोत्साहन की योजना एसईआईएस की जगह नयी योजना लाने का विचार है। उन्होंने कहा कि सरकार देश से वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात बढ़ाने के नये नये उपाय करने में लगी है। निर्यात प्रोत्साहन की विभिन्न योजनाओं के तहत कुल 56,027 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। इनमें 10,002 करोड़ रुपये केवल सेवाओं के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए दिए गए हैं। वह सेवा निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित वैश्विक सेवा क्षेत्र सम्मेलन 2021 को संबोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में भारत के सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित सेवाओं से आगे अन्य सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने की संभावनाओं पर विशेष चर्चा होगी। श्री गोयल ने कहा कि भारत सेवाओं के निर्यात में दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बनने की संभावना रखता है। 2020-21 में सेवाओं के व्यापार में भारत 89 अरब की बचत में था। उन्होंने कहा सेवाओं के कारोबार से भारत माल एसेम्बल करने वाली अर्थव्यस्था की जगह ज्ञान आधारित व्यवस्था बन रहा है। देश का सेवा क्षेत्र अब दूसरों के दिए काम की जगह अपनी बुद्धि का काम करने लगा है। श्री गोयल के पास कपड़ा और उपभोक्ता, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय भी है। उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक एक हजार अरब डालर के सेवा निर्यात की ओर बढ़ रहा है। देश की अर्थव्यवस्था में सेवाओं के कारोबार का बड़ा अहम रोल है और महत्वपूर्ण योगदान है। सेवा क्षेत्र में इस समय करीब 2.6 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है और देश के वैश्विक निर्यात कारोबार में इस क्षेत्र का योगदान करीब 40 प्रतिशत है। 2020-21 में सेवा क्षेत्र का निर्यात सेवाओं के आयात से 89 अरब डालर अधिक था। वर्ष 2000-2021 में भारत में हुए कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवश (एफडीआई) में 53 प्रतिशत निवेश सेवा क्षेत्र में आया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा, आन लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम, भाषा पाठ्यक्रम जैसे क्षेत्रों की सेवाओं का निर्यात बढ़ाने की भी बड़ी संभावना है। अमेरिका, कनाडा, संयुक्त अरब अमीरात और दक्षिण कोरिया के विद्यार्थी कला, संस्कृति और प्राचीन विरासतों के अध्ययन के लिए भातर आना पसंद करते हैं। पर्यटन , स्वास्थ्य सेवाओं और क्लाउड गेमिंग सेवा जैसे क्षेत्र में भी भारत के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि विकसित औद्योगिक देशों, खड़ी और आसियान देशों में नर्सिंग सेवाओं के लिए सबसे ज्यादा नर्सों की आपूर्ति भारत करता है। उन्होंने कहा कि निर्यात संवर्धन योजनाओं के तहत सरकार ने 56,027 करोड़ रुपये जारी किए हैं इसमें से 10,002 करोड़ एसईआईएस के लिए है।...////...
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