20-Jul-2023 08:34 PM
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मुंबई, 20 जुलाई (संवाददाता) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुरुवार तड़के भूस्खलन प्रभावित इरशालवाड़ी पहुंचे और पूरे दिन राहत एवं बचाव अभियान का नेतृत्व किया।
मुख्यमंत्री राज्य विधानसभा में काम खत्म करने के बाद बुधवार रात से ही राज्य में स्थापित नियंत्रण कक्ष द्वारा अतिवृष्टि की समीक्षा की।
श्री शिंदे किले की तलहटी में नहीं रुके बल्कि वास्तविक खंडहर तक पहुंचे और पूरे बचाव अभियान का नियंत्रण अपने हाथों में लिया। बारिश के बीच रेनकोट पहने और बिना विश्राम किए हुए मुख्यमंत्री को वहां देखकर अधिकारी और कर्मचारी भी दंग रह गए।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि हालांकि आज विधानसभा सत्र का चौथा दिन है, लेकिन घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों को विधायी कार्य की जिम्मेदारी सौंपी और खुद राहत-बचाव कार्य में लग गए।
मुख्यमंत्री ने मुसलाधार बारिश में इरशालवाड़ी की ओर चढ़ाई शुरू की। कीचड़ भरी सड़क पर चलते हुए, वह सुबह लगभग 0730 बजे शीर्ष पर पहुंचे और तब से वह लगातार राहत और बचाव कार्यों को निर्देशित करते रहे।
इरशालगढ़ की तलहटी में एक गांव में आधार शिविर बनाने के बाद मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में औद्योगिक संपदा में श्रमिकों की मदद करने की अपील की।
दोपहर लगभग एक बजे मुख्यमंत्री अतिवृष्चि में इरशालगढ़ तक पैदल यात्रा करते हुए दुर्घटनास्थल पर पहुंचे, जो वहां से लगभग डेढ़ घंटे की दूरी पर स्थित है और इसके बाद बचाव अभियान ने रफ्तार पकड़ा।
प्रतिकूल मौसम और कठिन चढ़ाई जैसी बाधाओं को पार करते हुए श्री शिंदे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, वायु सेना के अधिकारियों, पर्यावरण, सामाजिक और पर्वतारोहण संगठनों से लगातार बातचीत कर रहे थे और इसका संरक्षण करने के उपायों की तलाश कर रहे थे। उन्होंने राहत कार्य में तेजी लाने के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने का सुझाव दिया।
घटनास्थल पर राहत कार्य में शामिल होते हुए मुख्यमंत्री ने न केवल दुर्घटना पीड़ितों के आंसू पोंछे, बल्कि उन्हें राहत भी प्रदान की।
बयान के अनुसार, श्री शिंदे ने जिला प्रशासन को पीड़ितों के लिए पुनर्वास, आवास, भोजन आदि की व्यवस्था करने का निर्देश दिया।...////...