शिशु जन्म के बाद स्तनपान है बहुत आवश्यक
06-Aug-2023 09:13 AM 4649
उदयपुर 06 अगस्त (संवाददाता) राजस्थान में 28.4 प्रतिशत शिशुओं को जन्म के 1 घंटे के अन्दर स्तनपान कराया जाता है तथा 58.2 प्रतिशत बच्चों को 6 माह तक केवल स्तनपान कराया जाता है। पारस हेल्थ, उदयपुर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आकांक्षा त्रिपाठी ने विश्व स्तनपान सप्ताह पर बताया कि स्तनपान से बच्चे को संपूर्ण पोषण प्राप्त होता है। बच्चों को सिर्फ मां का दूध ही दें इसके अलावा कोई अतिरिक्त आहार, पानी या कोई अन्य तरल पदार्थ न दें क्योंकि मॉं के दूध में अधिक मात्रा में पानी होता है जिससे छह माह तक के बच्चे की पानी की आवश्यकता गर्म और शुष्क मौसम में भी पूरी हो सकती हैं। उन्होने बताया कि डिलीवरी के बाद मॉं के प्रथम दूध में (कोलोस्ट्रम) यानी गाढ़ा एवं पीला दूध जो शिशु जन्म से लेकर कुछ दिनों ( 4 से 5 दिन तक) में उत्पन्न होता है, उसमें विटामिन, एन्टी बॉडी, अन्य पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं। यह शिशु को संक्रमणों से बचाता है, प्रतिरक्षण करता है और रतौंधी जैसे रोगों से भी बचाता है। यदि बच्चा स्तनपान नहीं कर पा रहा हो तो एक कप और चम्मच की सहायता से स्तन से निकला हुआ दूध ही शिशु को पिलाएं। डा त्रिपाठी ने बताया कि केवल स्तनपान शिशु के विकास एवं स्वस्थ्य रहने में सर्वाेत्तम अवसर प्रदान करता है। बोतल से दूध पीने वाले बच्चों को दस्त रोग होने का खतरा बहुत अधिक होता है अतः बच्चों को बोतल से दूध कभी नहीं पिलाएं। बच्चों को पशुओं से प्राप्त दूध को पचाने में कठिनाई होती है, पशुओं से प्राप्त दूध से दस्त, लाल चकत्ते या अन्य प्रकार की एलर्जी हो सकती है इसलिए सावधानी बरतें।...////...
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