18-Apr-2025 12:00 AM
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राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सिकल सेल खत्म करने में हर व्यक्ति का सहयोग जरूरी है। सरकार और समाज की सहभागिता से ही सिकल सेल रोग का उन्मूलन होगा। सिकल सेल की जांच, उपचार, औषधि एवं जेनेटिक कार्ड वितरण में सरकार अच्छा कार्य कर रही है। समाज को भी आगे आना होगा। वर्ष 2047 में कोई भी बच्चा सिकल सेल रोग के साथ जन्म नहीं ले। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हर व्यक्ति को “मेरा भी योगदान हो”, इस भाव के साथ सिकल सेल उन्मूलन में जुड़ना होगा। उन्होंने बी.एम.एच.आर.सी. के सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों में डीएनए सिक्वेंसर मशीन प्रयोग शाला की स्थापना को सकारात्मक पहल बताते हुए सराहना की है।
राज्यपाल श्री पटेल भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं अनुसंधान केन्द्र में आयोजित सिकल सेल पर केन्द्रित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। संस्थान द्वारा संगोष्ठी का आयोजन आनुवंशिक विश्लेषण प्रयोगशाला के लोकार्पण अवसर पर किया गया था। इससे पूर्व राज्यपाल श्री पटेल ने आनुवंशिक विश्लेषण प्रयोगशाला का लोकार्पण और अवलोकन किया। रोगियों को किट प्रदान की। बीएमएचआरसी के सक्षमता केन्द्र से दिग्दर्शिका के प्रकाशन का लोकार्पण किया।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि सिकल सेल को समाप्त करने में हर व्यक्ति सहयोग कर सकता है। प्रयास करना होगा कि सिकल सेल रोगियों का आपस में विवाह नहीं हो, क्योंकि उनके बच्चे शत प्रतिशत सिकल सेल रोगी होगें। ऐसे प्रयास भी किए जाए कि वाहक युगल भी आपस में विवाह नहीं करें। वाहक दंपतियों के प्रत्येक गर्भधारण में संतान के रोगी होने की सम्भावना 25 प्रतिशत होगी। विवाह होने पर गर्भावस्था मे प्रि-नेटल जांच अवश्य कराए। उन्होंने कहा कि यह भी बताना उतना ही जरूरी है कि सामान्य के साथ रोगी अथवा वाहक के विवाह में कोई बाधा नहीं है। इसी तरह सिकल सेल रोगियों, वाहकों को स्वस्थ जीवनशैली के लिए खान-पान एवं दिनचर्या संबंधी सावधानियों के बारे में भी सचेत करने मे समाज का सक्रिय सहयोग जरूरी है।