12-Aug-2023 06:54 PM
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कोलकाता, 12 अगस्त (संवाददाता) केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ भारत के अभियान को दोहराया।
डॉ. सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के आह्वान को भी रेखांकित किया।
डा. सिंह ने यहां दूसरी जी20 भ्रष्टाचार निरोधक मंत्रिस्तरीय बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह हम सभी के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए सामूहिक और मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति प्रदर्शित करने का अवसर है।
उन्होंने 2018 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जी20 को प्रस्तुत भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर नौ सूत्री एजेंडे को भी याद किया।
कोलकाता में 09 से 11 अगस्त तक आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक भारत की अध्यक्षता में जी20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह (एसीडब्ल्यूजी) की तीसरी और अंतिम बैठक थी।
डॉ. सिंह ने कहा,“मैं संपत्ति पुनर्प्राप्ति और पारस्परिक कानूनी सहायता से संबंधित गाइडों को अद्यतन करने में जी20 एसीडब्ल्यूजी सदस्यों द्वारा किए गए प्रयासों से प्रभावित हूं यह मौजूदा ज्ञान संसाधनों की उपयोगिता को बढ़ाएगा।”
उन्होंने कहा, “मैं पारस्परिक कानूनी सहायता के एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय पर जवाबदेही रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की दिशा में काम का भी स्वागत करता हूं। इसके निष्कर्ष और सिफारिशें अंतरराष्ट्रीय अपराध से निपटने और वैश्विक सुरक्षा बनाए रखने में देशों के बीच सहयोग को बेहतर बनाने और मजबूत करने में बहुत उपयोगी होंगी।”
उन्होंने कहा,“भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खतरे से निपटने की दिशा में ये महत्वपूर्ण कदम हैं।”
उन्होंने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधी अपने गृह देश में गंभीर आर्थिक अपराध करते हैं और गिरफ्तारी, अभियोजन या अपनी सजा से बचने के लिए दूसरे देश में भाग जाते हैं। आर्थिक अपराधों में धोखाधड़ी, कर चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और गबन जैसी कई प्रकार की अवैध गतिविधियाँ शामिल हैं। उनके कार्य कानून के शासन को कमजोर करते हैं, आर्थिक विकास में बाधा डालते हैं और अक्सर भ्रष्टाचार में योगदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें सभी भगोड़े आर्थिक अपराधियों को सुरक्षित पनाह न देने, अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के प्रभावी कार्यान्वयन, सूचना के समय पर और व्यापक आदान-प्रदान के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की स्थापना और एक मानक परिभाषा तैयार करने के लिए कानूनी प्रक्रियाओं और तंत्रों में जी20 देशों में मजबूत और सक्रिय सहयोग का आह्वान किया गया।
उन्होंने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने एवं इनकी वसूली के लिए आर्थिक वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा आम तौर पर सहमत और मानकीकृत प्रक्रियाओं के एक मंच का विकास, अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए एक आम मंच की स्थापना और संपत्तियों का पता लगाने पर काम शुरू करना।
डॉ. सिंह ने कहा कि जी20 एसीडब्ल्यूजी ने तैयारी में सराहनीय प्रगति की। उन्होंने कहा कि जी20 के रूप में हमें अपनी महत्वाकांक्षा के प्रति साहसी होने और भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग में कमियों को दूर करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। मुझे यकीन है कि जी20 सदस्य प्रत्यर्पण तंत्र की प्रभावशीलता को बढ़ाने और सीमा पार वित्तीय प्रवाह की बेहतर ट्रैकिंग की सुविधा के लिए इन सिद्धांतों को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे, जो भगोड़े आर्थिक अपराधियों को रोक देगा।
मंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी, पारदर्शिता और सार्वजनिक भागीदारी हमारे भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों का आधार है।
उन्होंने कहा कि श्री मोदी का सिद्धांत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ यानी ‘सबके विकास के लिए सबका विश्वास’ मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि भारत भ्रष्टाचार से निपटने के लिए एक मजबूत और समग्र दृष्टिकोण का प्रबल समर्थक रहा है। भ्रष्टाचार के प्रति भारत का शून्य सहिष्णुता दृष्टिकोण भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रति हमारे दृष्टिकोण का भी मार्गदर्शन करता है। भारत जी20 एसीडब्ल्यूजी फोरम में एक सक्रिय सदस्य रहा है और आर्थिक अपराधों से निपटने और आर्थिक अपराधियों को दंडित करने की दिशा में प्रयासों का नेतृत्व कर रहा है।
डॉ. सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लंबी और कठिन हो सकती है, लेकिन इसे जीतना असंभव नहीं है। मंत्री ने कहा,“आइए हम इस उद्देश्य के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें और ऐसे समाज का निर्माण करें जहां समृद्धि और न्याय भ्रष्टाचार के संकट से कम न हो।” उन्होंने कहा,“हमारे पास इसका मुकाबला करने के लिए उपकरण, तकनीक और सबसे महत्वपूर्ण बात सामूहिक इच्छाशक्ति है। हमें इस इच्छाशक्ति को ठोस, वैश्विक कार्रवाई में बदलने की जरूरत है।...////...