05-Apr-2023 09:43 PM
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नयी दिल्ली, 05 अप्रैल (संवाददाता) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ कर्ण सिंह ने कहा है कि उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दो दशक पहले जम्मू -कश्मीर में पार्टी का आधार मजबूत बनाए रखने की सलाह दी थी और उसी का परिणाम रहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के विरोध की जबरदस्त लामबंदी के बावजूद गुलाम नबी आजाद वहां मुख्यमंत्री बने थे।
डॉ सिंह ने बुधवार को यहां पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजादी की पुस्तक ‘आजाद-एन बॉयोग्राफी’ का विमोचन करते हुए कहा कि 2002 के चुनाव में जम्मू- कश्मीर विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। इसके बावजूद मुफ्ती मोहम्मद सईद की पीडीपी सरकार बनाने के लिए जबरदस्त लामबंदी कर रही थी। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में 87 सदस्यीय विधानसभा में नेशनल कांफ्रेंस को 28 सीटें, कांग्रेस 21 सीटें और पीडीपी को महज 16 सीटें मिली थीं। सबसे छोटा दल होने के बावजूद पीडीपी सरकार बनाने के लिए जबरदस्त लामबंदी कर रही थी।
कांग्रेस नेता ने कहा, “इस चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हो रहा था. उससे वह परेशान थे। उन दिनों वह कांग्रेस कार्यकारिणी के सदस्य थे और जब सीडब्ल्युसी की बैठक हुई तो श्री आजाद ने भी अपनी बात खुलकर रखी। मैंने साफ कहा कि यदि कांग्रेस को जिंदा रहना है तो वहां अपनी सरकार बनानी होगी। पार्टी ने फार्मूला सुझाने के लिए एंटनी समिति बनाई,लेकिन मेरा मानना था कि सरकार कांग्रेस की बने।”
उन्होंने कहा कि इसी बीच तीन-तीन साल सरकार चलाने का फार्मूला सामने आया तो पीडीपी तब भी उग्र थी। उसने कहा कि पहले तीन साल उसे ही चाहिए और जब समय खत्म होने लगा तो प्रचार किया कि काम बहुत अच्छा चल रहा है इसलिए अगले तीन साल भी पीडीपी को मिले। कांग्रेस ने दबाव बनया तो गुलाम नबी मुख्यमंत्री बने और उनके कार्यकाल को लोग आज भी याद करते हैं।...////...