01-Mar-2022 09:28 PM
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चेन्नई, 01 मार्च (AGENCY) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन की आत्मकथा के विमोचन के मौके पर देश भर के कई नेताओं ने मोदी सरकार पर अपना गुस्सा निकाला।
जहां एक ओर स्टालिन और अन्य नेताओं ने सोमवार शाम को आयोजित किए गए समारोह में भगवा पार्टी पर परोक्ष हमला बोला, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने खुल कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार की आलोचना की।
इस दौरान श्री स्टालिन ने भारत को विभाजनकारी ताकतों से बचाने की अपील की।
श्री स्टालिन ने कहा, " मैं न केवल मंच पर मौजूद नेताओं से बल्कि हर उस शख्स से भारत के संघीय ढांचे को बचाने की अपील करता हूं, जो धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करते हैं। उन्होंने कहा हमारा भारतीय संघ विभाजनकारी ताकतों से खतरों का सामना कर रहा है, इसे तुरंत सुरक्षित बनाने की जरूरत है।
उन्होंने संदेश दिया कि भाजपा का विरोध करने वाले सभी समान विचारधारा वाले दलों को विभाजनकारी और सांप्रदायिक भाजपा को हराने के लिए एक साथ आना चाहिए।
श्री स्टालिन की बहन एवं द्रमुक सांसद कनिमोझी ने देश में फासीवादी और सांप्रदायिक ताकतों को हराने की जरूरत पर जोर दिया।
इस दौरान अभिनेता सत्यराज ने याद दिलाया कि कैसे द्रविड़ आंदोलन ने चिकित्सा प्रवेश के लिए संस्कृत को लागू करने के फैसले को समाप्त किया था। उन्होंने पेरियार के तर्कवादी आदर्शों और सामाजिक न्याय की लड़ाई पर भी जोर दिया।
वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भाजपा नेता मोदी सरकार की निंदा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो हुआ, वह दूसरे राज्यों में भी हो सकता है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को जनता की सहमति के बिना ही दो भागों में विभाजित कर दिया गया था। भारत के इतिहास में यह पहली बार था कि जब किसी राज्य को लोगों और राज्य की सहमति के बिना केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ हुआ, वह केवल वहीं तक सीमित नहीं है। अन्य राज्यों में भी ऐसा हो सकता है। इतना ही नहीं यह तमिलनाडु में भी हो सकता है। राज्यपाल विधानसभा की शक्तियों को अपने हाथ में लेकर राज्य को दो या तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं। तब, आप क्या करेंगे?"
उन्होंने कहा, "वह कश्मीर से तमिलनाडु यह बताने आए हैं कि हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं। यह केवल एक लड़ाई है, एक सच्ची लड़ाई। " उन्होंने सभी से विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर मुकाबला करने का आह्वान किया।
वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने कई संस्थानों पर सुनियोजित तरीके से हमला किया। उन्होंने कहा, "भाजपा को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। हम जानते हैं कि उनसे कैसे लड़ना है। हम उनसे लड़ने और उन्हें हराने जा रहे हैं ... क्योंकि वे (भाजपा) इतिहास से लड़ रहे हैं, वे परंपरा से लड़ रहे हैं और वे उन्हें (इतिहास और परंपरा) को कभी नहीं हरा सकते ।
उन्होंने आगे कहा कि जब भी श्री मोदी तमिलनाडु के दौरे पर आते हैं, तो वह यहां के लोगों पर कुछ न कुछ विचार थोपने का प्रयास करते हैं।
श्री गांधी ने कहा, " जब वह यह नहीं समझ पाए कि तमिलनाडु केवल दो शब्द नहीं हैं, तो वह यह भी नहीं समझ सकते कि तमिलनाडु तीन हजार साल पुराना है। उन्होंने देश और राज्य का अपमान किया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तमिलनाडु के लोगों से सम्मान पाना चाहते हैं, लेकिन वह नीट को खत्म करने की, यहां के लोगों की बात सुनना नहीं चाहते।
उन्होंने आगे कहा कि तमिल लोगों पर तीन हजार साल में कोई भी अपने विचार नहीं थोप सका।
जम्मू-कश्मीर का हवाला देते हुए श्री गांधी ने कहा कि उसकी शक्ति छीन ली गई, लोगों के अधिकार छीन लिए गए। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। आज कश्मीर पर वहां के लोगों का शासन नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश और गुजरात के नौकरशाह उन पर शासन करते हैं।
इसके अलावा कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि श्री स्टालिन पहले शख्स हैं, जो संघीय ढांचे को बचाने के लिए खड़े हुए। जब राज्यों के अधिकारों और शक्तियों को कुचलने की कोशिश की गई, तो वह उनके लिए खड़े हुए।
उन्होंने कहा, "हम ऐसे समय में रह रहे हैं, जहां हमें लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ खड़ा होना होगा, तभी हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आज हमारे देश में जिन सांप्रदायिक और सत्तावादी शक्तियों का बोलबाला है, वे प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक शक्तियों को रास्ता दें।...////...