09-Jun-2024 09:34 PM
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चेन्नई, 09 जून (संवाददाता) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रमुक अध्यक्ष एमके स्टालिन ने हाल ही में बड़े पैमाने पर विसंगतियों और राष्ट्रव्यापी विरोध का हवाला देते हुए यूजी मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एनईईटी परीक्षा पर प्रतिबंध लगाने की अपनी मांग रविवार को दोहराई।
यहां एक बयान में श्री स्टालिन ने द्रमुक सरकार द्वारा गठित न्यायमूर्ति ए के राजन समिति की रिपोर्ट भी साझा की जिसमें नीट पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की गई है क्योंकि यह गरीब विरोधी और सामाजिक न्याय विरोधी प्रकृति की है।
उन्होंने नीट के दुष्प्रभाव वाली रिपोर्ट को अंग्रेजी और सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में साझा किया ताकि सभी इसे समझ सकें।
उन्होंने कहा कि द्रमुक नीट के खतरों को भांपने वाली पहली दल है और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। श्री स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में नीट से छूट देने के लिए सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को भी याद किया, जिसे अब राज्यपाल की ओर से अत्यधिक देरी के बाद राष्ट्रपति की सहमति का इंतजार है।
उन्होंने कहा,“ द्रमुक नीट के खतरों को भांपने वाली पहली पार्टी थी और उसने इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। सत्ता में आने के बाद हमने नीट आधारित प्रवेश प्रक्रिया के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए न्यायमूर्ति एके राजन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की।
उन्होंने कहा कि छात्रों, अभिभावकों और जनता से मिले इनपुट और व्यापक डेटा विश्लेषण के आधार पर समिति की रिपोर्ट प्रकाशित की गई और इसे विभिन्न राज्य सरकारों के साथ साझा किया गया ताकि नीट की गरीब विरोधी और सामाजिक न्याय विरोधी प्रकृति का पर्दाफाश किया जा सके।
उन्होंने कहा, “रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर नीट से छूट की मांग वाला एक विधेयक तमिलनाडु विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया गया। तमिलनाडु के राज्यपाल की ओर से अत्यधिक देरी के बाद इसे अब राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है।”
श्री स्टालिन ने कहा, “बड़े पैमाने पर विसंगतियों के कारण एनईईटी का राष्ट्रव्यापी विरोध बढ़ा है, हम न्यायमूर्ति एके राजन समिति की रिपोर्ट को अंग्रेजी और सभी प्रमुख भारतीय भाषाओं में साझा कर रहे हैं ताकि सभी लोग नीट के दुष्प्रभावों को बेहतर ढंग से समझ सके।...////...