04-Aug-2023 03:59 PM
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नयी दिल्ली, 04 अगस्त (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयंत नाथ को शुक्रवार को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नाम पर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच सहमति नहीं होने के करण न्यायमूर्ति नाथ को कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना जारी करने के आदेश देने का फैसला किया।
पीठ के समक्ष दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और उपराज्यपाल पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल संजय जैन ने अदालत द्वारा कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करने पर सहमति व्यक्त की थी। इसके बाद अदालत ने नियुक्ति संबंधी आदेश जारी किया।
शीर्ष अदालत ने नियुक्ति के विवाद को लेकर दायर याचिका पर अंतिम निर्णय आने तक कार्यवाहक (एडहॉक) अध्यक्ष नियुक्ति की है। उपराज्यपाल द्वारा अध्यक्ष पद पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय पूर्व न्यायाधीश शबीहुल हसनैन के 65 वर्ष के होने के बाद 9 जनवरी 2023 सेवानिवृत्त होने के करण डीईआरसी अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने 20 जुलाई 2023 को कहा था कि दोनों पक्षों की किसी नाम को लेकर सहमति नहीं होने के कारण वह कार्यवाहक आकाश प्राप्त न्यायाधीश को अध्यक्ष नियुक्त करेगी।
पीठ ने स्पष्ट किया था कि यह नियुक्ति अंतरिम व्यवस्था होगी। वह नियुक्ति संबंधी इस विवाद पर अंतिम फैसला आने तक तदर्थ व्यवस्था के तौर पर अध्यक्ष पद के लिए एक व्यक्ति को नियुक्त करेगी।
पीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह दुखद है कि दोनों पक्ष (दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल) आपस में लड़ रहे हैं, जबकि संस्था (डीईआरसी) नेतृत्वहीन हो गई है।
पीठ ने कहा था, “हम किसी को नियुक्त कर सकते हैं। किसी को उस कार्यालय के कर्तव्य निभाने के लिए कह सकते हैं। मामले के निपटारे तक किसी को तदर्थ नियुक्त करते हैं।'
पीठ ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच न्यायाधीशों के नाम देने का सुझाव दिया था।
पीठ ने कहा था, 'हम दोनों पक्षों की ओर से सुझाए गए नामों में से एक नाम का चयन करेंगे। इससे पहले हमें कुछ होमवर्क करना होगा।”
शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 04 अगस्त मुकर्रम की थी।
उच्चतम न्यायालय ने 17 जुलाई को 20 जुलाई से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राजनीतिक विवाद से ऊपर उठकर डीईआरसी के अध्यक्ष पद के लिए एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश का नाम चुनने का सुझाव दिया था।
दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार को डीईआरसी अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के निर्णय को एकतरफा करार देते हुए इसका विरोध किया था।
दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति कुमार की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए इसके फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी।...////...