21-Jun-2023 09:56 PM
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नयी दिल्ली, 21 जून (संवाददाता) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानन्द जोशी ने बुधवार को कहा कि ‘स्व’ का जागरण ही योग है। अगर आपने ‘स्व’ का जागरण कर लिया, तो विश्व का कल्याण होना ही है।
उन्होंने कहा, “योग निरन्तर अभ्यास का विषय है। योग का मूल यह है कि जीवन में लेने की जगह देना सीख लें, तो सुखी रहेंगे। जीवन में हमें प्रकृति से जो कुछ मिला है, हम प्रकृति को भी देने का ध्यान रखें। जीवन जब योगमय होगा, तभी सुखकर होगा।"
राष्ट्रीय राजधानी में आज ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ पर आईजीएनसीए की निदेशक (प्रशासन) डॉ. प्रियंका मिश्रा, अधिकारियों सहित अन्य सदस्यों ने बुधवार को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ सामूहिक योगाभ्यास किया। योग सत्र का संचालन डॉ. ऋचा कांबोज ने किया।
बिहार स्कूल ऑफ योग के प्रशिक्षक विनय कुमार ठाकुर ने योगाभ्यास कराया। डॉ. अलका त्यागी ने अष्टांग योग- यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान तथा समाधि और पंचकोशों- अन्नमय कोश, प्राणमय कोश, मनोमय कोश, विज्ञानमय और आनंदमय कोश सहित योग के विविध आयामों पर प्रकाश डाला।
योग दिवस के उपलक्ष्य में आईजीएनसी की कला दर्शन आर्ट गैलरी में योग पर आधारित चार दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया गया। यह प्रदर्शनी गुरुवार से रविवार तक सुबह 11 बजे से लेकर शाम 06.30 बजे तक रहेगी।...////...