तमिलनाडु सरकार का अडानी विवाद से कोई लेना देना नहीं: स्टालिन
25-Nov-2024 07:01 PM 3357
चेन्नई 25 नवंबर (संवाददाता) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एमके स्टालिन ने कहा है कि उनकी सरकार का अडानी विवाद से कोई लेना-देना नहीं है। श्री स्टालिन ने सोमवार को यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बिजली विभाग के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने पहले ही इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे दिया है। उन्होंने कहा, 'श्री सेंथिलबालाजी ने यह स्पष्ट कर दिया है और रिकॉर्ड को सही रखा है।' मुख्यमंत्री ने पट्टाली मक्कल कच्ची के संस्थापक एस. रामदास द्वारा दावा किए गए अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी के साथ उनकी कथित गुप्त बैठक पर पलटवार करते हुए कहा कि डॉ. रामदास पास कोई काम नहीं है और इसलिए वे सरकार के खिलाफ हर दिन बयान जारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इसका जवाब देने की कोई जरूरत नहीं है।' श्री सेंथिलबालाजी ने 21 नवंबर को इस बात से साफ इनकार किया था कि तमिलनाडु बिजली बोर्ड (टीएनईबी) का अडानी समूह के बिजली संयंत्र से कोई सीधा या व्यावसायिक गठजोड़ है। उन्होंने अडानी समूह के साथ टीएनईबी के किसी भी गठजोड़ से इनकार करते हुए कहा, 'मैं यह स्पष्ट कर दूं कि द्रमुक के सत्ता में आने के बाद से पिछले तीन वर्षों में टीएनईबी का अडानी समूह के साथ कोई सीधा या व्यावसायिक संबंध नहीं रहा है।' उन्होंने कहा कि टीएनईबी ने सार्वजनिक क्षेत्र की सौर ऊर्जा कंपनी के साथ समझौता किया है। जुलाई 2021 से फरवरी 2022 के बीच सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप में अमेरिकी अदालत द्वारा अडानी समूह पर आरोप लगाए जाने के कुछ घंटों बाद उन्होंने कहा कि एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई), भारत सरकार की एक इकाई (केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की एक शाखा) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने एसईसीआई के साथ टीएनईबी द्वारा दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौता (पीपीए) करने में अवैधानिकता को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए कहा, 'हमने 25 साल की अवधि के लिए 2.61 रुपये प्रति यूनिट की सस्ती दर पर 1500 मेगावाट बिजली फर्म एसईसीआई से खरीदने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं जबकि पिछली अन्नाद्रमुक सरकार ने 7.01 रुपये की अत्यधिक दर पर सौर ऊर्जा खरीदी थी।” उन्होंने कहा कि चूंकि समझौता केवल एसईसीआई के साथ था इसलिए टीएनईबी के अडानी समूह के किसी भी व्यक्ति के साथ कोई व्यावसायिक संबंध होने का कोई सवाल ही नहीं था। डॉ. रामदास ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक बयान में द्रमुक सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि पिछले साल 10 जुलाई को चेन्नई में श्री स्टालिन के आवास पर गौतम अडानी और श्री स्टालिन के बीच हुई गुप्त बैठक में क्या हुआ था और इसकी जांच की मांग की क्योंकि अडानी समूह द्वारा रिश्वत दिए जाने वालों की सूची में टीएनईबी का नाम भी शामिल था।...////...
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