मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय संस्कृति अपने आप में लाजवाब है। पूरी दुनिया हमारी संस्कृति की प्रशंसक हैं। हमारे तीज-त्यौहारों की तो बात ही क्या। इनसे ही तो हमारी संस्कृति पोषित, पल्लवित और दिनों-दिन समृद्ध होती जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शनिवार की देर रात भोपाल के करोंद चौराहे पर जन्माष्टमी पर्व के अवसर पर आयोजित मटकी फोड़ प्रतियोगिता के कार्यक्रम में सहभागिता की। यह इस प्रतियोगिता का 19वां वर्ष है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यहां उपस्थित अन्य अतिथियों के साथ "गोविंदा आला रे, आ ला' और "छोटी-मोटी गैय्या, छोटे-छोटे ग्वाल" गीत भी गाया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति की जीवंत पहचान हैं। उनका बाल रूप भारतीय संस्कृति का अद्भुत रुपक और अलंकार है। उनकी बांसुरी की धुन और बाल लीलाएं आज भी मानवता को आनंद और प्रेरणा देती हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मटकी फोड़ हमें भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की याद दिलाती है और यही हमारी संस्कृति की जीवंत झलक है। उन्होंने कहा कि यशोदा मैया ने श्रीकृष्ण को पुत्र रूप में पाकर अपने जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य पाया। यशोदा इस जगत की सबसे बड़ी पुण्यभागी हैं। उन्होंने ईश्वर को पाला-पोसा। उन्होंने मटकी फोड़ प्रतियोगिता में प्रतिभागी टीमों को शुभकामनाएं दीं।