06-Jul-2023 10:03 PM
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चेन्नई, 06 जुलाई (संवाददाता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गुरुवार को घोषणा की कि तीसरा चंद्र मिशन 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के अंतरिक्षयान से दोपहर 2.35 बजे होगा रवाना होगा।
इसरो इसके लिए अपने सबसे भारी रॉकेट प्रक्षेपण वाहन मार्क-तृतीय (एलवीएम3-एम M4) का उपयोग करेगा जो इस एकीकृत मॉड्यूल को 170 x 36500 किमी आकार के एलिप्टिक पार्किंग ऑर्बिट (ईपीओ) में स्थापित करेगा। प्रक्षेपण दूसरे ‘लॉन्च पैड’ से होगा।
इसरो ने एक ट्वीट में कहा, “चंद्रयान-3: एलवीएम3-एम4/चंद्रयान-3 मिशन के प्रक्षेपण की घोषणा करते हुए, प्रक्षेपण अब 14 जुलाई, 2023 को दोपहर 2:35 बजे एसडीएससी, श्रीहरिकोटा से निर्धारित किया गया है।”
इससे पहले इसरो ने कहा था कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को एलवीएम3 के साथ एकीकृत किया गया है। चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का फोलोऑन (अनुवर्ती) मिशन है, जो चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और चलने की संपूर्ण क्षमता को प्रदर्शित करता है।
इसमें लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन शामिल है। प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन को एक सौ किमी तक चंद्रमा की कक्षा में जाएगा। प्रणोदन मॉड्यूल ग्रह की स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री रहने की क्षमता है। इसका पेलोड चंद्रमा की सतह के वर्णक्रमीय और ध्रुवीय मीट्रिक माप का अध्ययन करेगा।
तापीय चालकता और तापमान को मापने के लिए लैंडर पेलोड चंद्रमा के सतह थर्मोफिजिकल प्रयोग (सीएचएएसटीई) करेगा। साथ ही लैंडिंग स्थल के आसपास भूकंपीयता को मापने के लिए चंद्र भूकंपीय गतिविधि उपकरण (आईएलएसए); प्लाज्मा घनत्व और इसकी विविधताओं का अनुमान लगाने के लिए लैंगमुइर जांच करेगा।...////...