त्रिपुरा में विपक्ष के नेता ने प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मादक पदार्थ पुनर्वास केंद्र की मांग की
09-Oct-2023 04:09 PM 4434
अगरतला, 09 अक्टूबर (संवाददाता) त्रिपुरा में विपक्ष के नेता एवं टिपरा मोथा पार्टी के अध्यक्ष अनिमेष देबबर्मा ने ड्रग्स और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कड़े कदम उठाने के अलावा राज्य के सभी 60 विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में कम से कम एक मादक पदार्थ पुनर्वास केंद्र स्थापित करने की मांग की। श्री देबबर्मा ने सोमवार को यहां मीडिया को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार केवल भाषणों में 'नशा मुक्त त्रिपुरा' का प्रचार कर रही है लेकिन वास्तविकता यह है कि राज्य में नशीली दवाओं का दुरुपयोग करने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, साथ ही मादक पदार्थ तस्करों की संख्या भी बढ़ रही है, जिसके कारण एचआईवी के मामलों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। श्री देबबर्मा ने कहा, “दुर्भाग्यवश, सरकार अभी तक मादक पदार्थों के कारोबार में लगे सरगनाओं तक नहीं पहुंच सकी है और ऐसा लगता है कि दोनों में सांठगांठ है; अन्यथा, ड्रग्स और मादक पदार्थों की जब्ती के साथ-साथ मादक पदार्थ उपयोगकर्ताओं और तस्करों की संख्या में दिन-प्रतिदिन वृद्धि कैसे हो सकती है? इस तरह के प्रतिबंधित पदार्थों की आपूर्ति श्रृंखला बहुत उच्च स्तर पर है और युवा इसके जाल में फंस रहे हैं।” उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों की एक समिति बनानी चाहिए और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मादक पदार्थ पुनर्वास केंद्र स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उचित व्यवस्था के बिना, नशा मुक्त त्रिपुरा के ऐसे दावे खोखले साबित होंगे और बढ़ते मादक पदार्थों के खतरे से एक पूरी पीढ़ी के प्रभावित होने का खतरा है। आधार और पैन कार्ड को लिंक करने के केंद्र सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए श्री देबबर्मा ने कहा कि प्रति व्यक्ति 1,000 रुपये चार्ज करना अब एक व्यवसाय बन चुका है, जो हास्यास्पद है, लेकिन सरकार इस पर पूरी तरह से चुप है। उन्होंने कहा कि एक नागरिक के दो वैध दस्तावेजों को लिंक करने के लिए उस देश में शुल्क नहीं लिया जा सकता है जहां बड़ी संख्या में लोग आज भी एक समय के भोजन का प्रबंधन करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। श्री देबबर्मा ने कहा , “उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार हमारे दैनिक जीवन में आधार कार्ड जरूरी नहीं है और चूंकि यह अनिवार्य नहीं है, इसलिए इसे लिंक क्यों किया जा रहा है? यहां तक कि अगर सरकार ऐसा करना चाहती है, तो इसे मुफ्त या मामूली लागत पर करना चाहिए और राज्य सरकार को केंद्र सरकार के सामने इस मुद्दे को उठाना चाहिए।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^