24-Apr-2023 09:04 PM
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नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (संवाददाता) ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने सोमवार को कहा कि जब तक उच्चतम न्यायालय न्याय नहीं करता, तब तक पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
युवा मामले और खेल मंत्रालय ने हालांकि भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को एक पत्र लिखकर 45 दिनों के भीतर डब्लूएफआई की कार्यकारी समिति के चुनाव कराने के लिये एक अस्थायी समिति का गठन करने का अनुरोध किया है।
इस पत्र में कुश्ती महासंघ पर लगे आरोपों की जांच के लिये गठित निगरानी समिति की रिपोर्ट का भी उल्लेख किया गया। निगरानी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएफआई की कोई आंतरिक शिकायत समिति नहीं थी। साथ ही शिकायत निवारण, डब्ल्यूएफआई और खिलाड़ियों के बीच पारदर्शिता, प्रभावी संचार और परामर्श के लिये भी कोई उचित व्यवस्था मौजूद नहीं थी।
साक्षी को हालांकि आईओए के कामकाज पर विश्वास नहीं है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम आईओए के झूठे वादों के भरोसे नहीं रहने वाले। वे लोग डब्ल्यूएफआई कार्यालय चला रहा थे। हम डब्ल्यूएफआई को चलाना नहीं चाहते। हम बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर चाहते हैं। हम चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय हमें इंसाफ दे। तब तक हम यहीं रहेंगे।”
उल्लेखनीय है कि साक्षी, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट जैसे कई पहलवानों ने जनवरी 2023 में बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न जैसे कई गंभीर आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन किया था। पहलवानों की मांग थी कि बृजभूषण को बर्खास्त करते हुए कुश्ती महासंघ को भंग किया जाये, हालांकि उनकी मांगें पूरी न होने के कारण पहलवान अब किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहते।
तीन बार की राष्ट्रमंडल खेल मेडलिस्ट विनेश फोगाट ने कहा, “बबीता (फोगाट) पिछली बार मध्यस्थता के लिये आई थीं, अब वह भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के साथ हैं। हमें किसी पर विश्वास नहीं। अब हमारे वरिष्ठ ही फैसला लेंगे।”
जब साक्षी से पूछा गया कि क्या पहलवान पहले की तरह अपने विरोध को अराजनीतिक रखना चाहेंगे, तो उन्होंने कहा, “हम वही गलती नहीं करेंगे। हम उनसे माफी मांगते हैं जिन्हें हमने दूर रखा। हम हर समर्थन को स्वीकार करते हैं।...////...