04-Oct-2023 08:06 PM
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नयी दिल्ली, 04 सितंबर (संवाददाता) सरकार ने बिहार और झारखंड में उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना के शेष कार्यों को पूरा करने के लिए 2,430.76 रुपये के व्यय के संशोधित प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी।
यह परियोजना 1970 के दशक के प्रारंभ से चल रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बुधवार को यहाँ हुई बैठक में उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना के शेष कार्यों के लिए संशोधित 2,430.76 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है। इसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 1,836.41 करोड़ रुपये है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के इस आशय के एक प्रस्ताव को मंत्रि मंडल ने मंजूरी दी है। इसी कार्य की अनुमानित लागत अगस्त, 2017 में 1,622.27 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई थी। उस समय इसमें केंद्रीय हिस्सा 1,378.60 करोड़ रुपए था।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल के निर्णयों की जानकारी देते हुए संवाददाताओं को बताया कि शेष कार्य 30 महीने में पूरा होगा और इससे झारखंड तथा बिहार में चार सूखाग्रस्त जिलों में और 42,301 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा होगी।
बिहार सरकार ने अपने संसाधनों से 1972 में इस परियोजना के बांध के निर्माण के साथ-साथ अन्य सहायक गतिविधियां शुरू की गईं। काम 1993 तक जारी रहा और उस वर्ष बिहार सरकार के वन विभाग द्वारा काम रोक दिया गया।
इस परियोजना के बांध में जमा पानी से बेतला नेशनल पार्क और पलामू टाइगर रिजर्व को खतरा होने की आशंका के कारण बांध का काम रुका हुआ था। काम रुकने के बाद यह परियोजना 71,720 हेक्टेयर में वार्षिक सिंचाई प्रदान कर रही थी। नवंबर 2000 में बिहार के विभाजन के बाद, बांध और बैराज का मुख्य कार्य झारखंड में हैं।
वर्ष 2016 में, भारत सरकार ने परिकल्पित लाभों को प्राप्त करने के लिए परियोजना को संचालित करने के लिए उत्तरी कोयल जलाशय परियोजना के शेष कार्यों को पूरा करने के लिए सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया। पलामू टाइगर रिजर्व के मुख्य क्षेत्र को बचाने के लिए जलाशय के स्तर को कम करने का निर्णय लिया गया।...////...