मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्नेह का बंधन एकतरफा नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार हर पल वनवासियों के साथ खड़ी है, यह बात पूरी शिद्दत से उन तक पहुंचनी चाहिए। सभी वनवासियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ें और उनके जीवन में विकास का प्रकाश लाने की दिशा में काम करें। वनवासियों के कल्याण के लिए हरसंभव प्रबंध किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय वर्ग के अध्ययनरत एवं रोजगार कर रहे बच्चों का सामाजिक सम्मेलन बुलाएं। इस सम्मेलन के जरिए सरकार इन बच्चों को उन तक पहुंचने वाले लाभ का फीड-बैक भी लेगी और जिन्हें जरूरत है, उन तक सरकार की योजनाएं तथा सुविधाएं भी पहुंचाई जाएंगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) में प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम और पेसा एक्ट के क्रियान्वयन के लिए गठित की गई राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स की शीर्ष समिति तथा इसी विषय के लिए गठित कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनजातीय कार्य एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को वनाधिकार के व्यक्तिगत और सामुदायिक दावों का तेजी से निराकरण कर 31 दिसंबर 2025 तक पेंडेसी जीरो करने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में पेसा एक्ट यानि पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम, 1996 लागू है। इसमें पेसा मोबालाईजर्स के जरिए जनजातियों को उनके अधिकारों के बारे में जानकारी देकर योजनाओं से लाभान्वित भी कराया जाता है। इन सभी पेसा मोबालाईजर्स की अपने काम पर उपस्थिति और उच्च कोटि का कार्य प्रदर्शन फील्ड में दिखाई भी देना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पेसा मोबालाईजर्स को नियुक्त करने और संतोषजनक प्रदर्शन न करने पर इन्हें हटाने के अधिकार सरकार अब ग्राम सभाओं को देने जा रही है।इस निर्णय से एकरूपता आएगी और ग्राम सभाएं पेसा मोबालाईजर्स से अपने मुताबिक काम भी ले सकेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वनवासियों की बेहतरी के लिए संकल्पित है। उनके सभी हितों की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग का मैदानी अमला यह सुनिश्चित करे कि वन भूमि पर अब कोई भी नये अतिक्रमण कदापि न होने पाएं।