वरखेड़ी ने वैश्विक विद्वान प्रो. न्यौपाने को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर दी बधाई
11-Apr-2025 08:34 PM 1609
नयी दिल्ली 11 अप्रैल (संवाददाता) केद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (सीएसयू), दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी ने संस्कृत-पाली-प्राकृत के वैश्विक विद्वान प्रो काशीनाथ न्यौपाने को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है। प्रो. वरखेड़ी ने कहा कि यह हमारे सीएसयू परिवार के लिए बहुत ही गौरव की बात है कि सीएसयू के प्रकाशन निदेशक प्रो काशीनाथ न्यौपाने को स्त्री शक्ति – द पैरालल फोर्स द्वारा आयोजित राष्ट्रीय महिला सम्मेलन में गत नौ अप्रैल को एसकेआईसीसी, श्रीनगर में ‘विदूषी विद्योतमा स्त्री शक्ति सम्मान 2025’ से सम्मानित किया गया। प्रो वरखेड़ी ने आगे यह भी कहा है कि प्रो. न्यौपाने न केवल संस्कृत, पाली और प्राकृत भाषाओं तथा बौद्ध दर्शन एवं उसकी तन्त्र विद्या के लब्धप्रतिष्ठ विद्वान हैं, बल्कि भारतीय ज्ञान परंपरा (आईकेएस) तथा शास्त्र संरक्षण तथा संवर्धन में महनीय योगदान दिया है । यही कारण है कि उनके वैदुष्य को वैश्विक मान्यता मिली है और भारत सरकार के निर्देश के आलोक में उन्होंने नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय से सीएसयू में चेयर ,आईकेएस विजिटिंग प्रोफेसर के रुप में नियुक्त किया गया है। स्त्री विमर्श को लेकर उनका भारतीय दृष्टिकोण से चिन्तन भी महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पाली साहित्य तथा दर्शन के प्रख्यात दार्शनिक आचार्य धर्मकीर्ति जिन्होंने पाली साहित्य और उसके दर्शन को शिखर पर पहुंचाया उनकी बहुचर्चित पुस्तक प्रमाणवार्तिक( 2022 ई.) का प्रो न्यौपाने ने प्रथम बार समग्र रुप में हिन्दी भाषा में अनुवाद किया जो ‘स्वोपज्ञवृत्ति:’ के नाम से चर्चित है और उन्होंने ही इनकी ‘मनोरथनन्दी’ टीका भी लिखी है। यह प्रकाशन पाली साहित्य तथा दर्शन के इतिहास में मील का पत्थर प्रमाणित हुआ है। प्रो वरखेड़ी ने कहा है कि यह सम्मान प्रो न्यौपाने की जीवनपर्यंत समर्पित विद्वता और भारतीय भाषा तथा उसके दर्शन ज्ञान परंपरा में योगदान देने की पुष्टि करता है। अतः यह पुरस्कार न केवल प्रो. न्यौपाने को गौरवान्वित करता है, बल्कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को भी समृद्ध करता है। गौरतलब है कि प्रो न्यौपाने केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, दिल्ली में अपने कार्यभार संभालने के पूर्व नेपाल संस्कृत विश्वविद्यालय, काठमाण्डू में बौद्ध दर्शन के प्रोफेसर के रुप में सुप्रतिष्ठित रहें हैं और इसी विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के संस्थापक आचार्य भी रहें हैं और यहीं पर रिसर्च डायरेक्टर के पद का भी निर्वहन किया है । साथ ही साथ अमेरिका, चीन, यूरोप के अनेक विश्वविद्यालयों में विजिटिंग प्रोफेसर के रुप में भारतीय विद्या का उन्नयन किया है। इस अवसर पर प्रो वरखेड़ी ने यह भी उल्लेख किया कि यह उपयुक्त समय है कि हम विदूषी विद्योतमा स्त्री शक्ति सम्मान से सम्मानित, विद्योत्तमा पर ऐतिहासिक और आकादमिक दृष्टि से एक अति महत्त्वपूर्ण कृति के लेखक, संस्कृत विभागाध्यक्ष, कलकत्ता विश्वविद्यालय, कला और संस्कृति पर जिनके अनेक ग्रन्थ प्रकाशित हैं तथा प्रसिद्ध अभिलेखविद् डॉ. कमल कुमार मिश्र के प्रति भी आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने इस सम्मान समारोह में प्रो काशीनाथ न्यौपाने के अलंकरण के अवसर पर प्रशस्ति पत्र का वाचन किया। सीएसयू के अधिष्ठाता प्रो मदन मोहन झा (शैक्षणिक), कुलसचिव, प्रो आर .जी.मुरलीकृष्ण, कार्यक्रम निदेशक,प्रो मधुकेश्वर भट्ट ,प्रो सुज्ञान कुमार माहान्ति,प्रो गणेश ति. पण्डित तथा डा पवन कुमार (अंतिम तीनों संयुक्त निदेशक,प्रकाशन ),डा ,छोटीबाई मीना ,डा प्रीति शुक्ला तथा डा रविशंकर द्विवेदी , विनय शुक्ल, श्रीईश तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने भी प्रो न्यौपाने को इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को दिये जाने पर हार्दिक बधाई दी है।...////...
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