मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बाबा महाकाल की कृपा से देश और प्रदेश में समृद्धि बरस रही है। सम्राट विक्रमादित्य की गौरवशाली नगरी उज्जयिनी में पहली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का सफल आयोजन हुआ था। इसके बाद क्रमवार संभागीय मुख्यालयों पर 7 रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव सफलतापूर्वक आयोजित की गई। इन आरआईसी में प्राप्त निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारकर प्रदेश में नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन 'विकसित भारत' को साकार करने प्रदेश में 1127.24 करोड़ रुपए के निवेश से 26 विभिन्न औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर विकास का एक नया इतिहास लिखा जा रहा है। यह परियोजनाएं उज्जैन को एक नया औद्योगिक आयाम देंगी, जिससे क्षेत्र का औद्योगिक और आर्थिक विकास होगा। इन इकाइयों से हमारे लगभग 5046 युवाओं को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। स्वच्छ भारत की परिकल्पना को समाहित कर प्रदेश में स्थित भारत के सबसे स्वच्छ औद्योगिक पार्क विक्रम उद्योगपुरी में 28 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित अत्याधुनिक सामान्य अपशिष्ट जल उपचार संयंत्र (सीईटीपी) का लोकार्पण भी किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को विक्रम व्यापार मेला उज्जैन में आयोजित औद्योगिक इकाइयों के लोकार्पण एवं भूमि-पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि व्यापार वचन से होता है, व्यापार में वचन का ही सर्वाधिक महत्व है। मध्यप्रदेश सरकार औद्योगिकरण और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए दिए गए वचनों को पूरा करने संपूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगल क्लिक से प्रदेश की 73 औद्योगिक इकाइयों को 441 करोड़ की निवेश प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आशीर्वाद से प्रदेश को नंबर 1 बनायेंगे। प्रदेश में वर्ष 2025 उद्योग और रोजगार वर्ष घोषित किया गया है। हमने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने का जो सपना देखा है, वो साकार हो रहा है। व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उज्जैन, इंदौर, देवास, धार, शाजापुर जिलों को मिलाकर एक नए मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने की कार्य योजना पर कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में भोपाल, नर्मदापुरम, रायसेन और विदिशा को भी मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाया जाएगा। जबलपुर, ग्वालियर और उनके आस-पास के जिलों का भी विकास मेट्रोपॉलिटन सिटी के रूप में भविष्य में किया जाएगा। इससे व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।