प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि 140 करोड़ भारतीय भारत को विश्व की सर्वोच्च तीन अर्थ व्यवस्थाओं में से एक बनाने के संकल्प को लेकर कार्य कर रहे हैं। भारत की विविधता - विस्तार-क्षमता और दक्षता की विश्व में अलग पहचान और मान्यता है। इसीलिए हम इन्डियन सोलूशन्स फॉर ग्लोबल एप्लीकेशन की बात कहते हैं। आज देश- दुनिया के प्रतिनिधि ग्रीन एनर्जी के भविष्य पर चर्चा के लिए एकत्रित हुए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज का कार्यक्रम भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने की कार्य योजना का भाग है। ग्रीन फ्यूचर और नेट ज़ीरो कोई सजावटी शब्द नहीं हैं, यह भारत और भारत के हर राज्य की प्रतिबद्धता है। भारत आज का नहीं अपितु आने वाले एक हजार साल का आधार तैयार कर रहा है। हमारा उद्देश्य विश्व में शिखर पर पहुंचना ही नहीं अपितु शिखर पर बने रहना भी है। हम हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं से भलीभांति परिचित हैं, यह भी जानते हैं कि भारत ऊर्जा में आत्मनिर्भर नहीं है, इसीलिए हमने सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, न्यूक्लियर और हाईड्रो पॉवर के बल पर भविष्य का निर्माण करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी गुजरात के गांधीनगर में चौथे ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट और एक्सपो के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।