विशेष लेख : अबूझमाड़ अब नहीं रहेगा अबूझ
18-May-2025 12:00 AM 718

केन्द्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयास तथा नक्सलवाद के खात्मे के बाद अबूझमाड़ अब अबूझ नहीं रहेगा। यहां भी ग्रामीणों के विकास के साथ-साथ रहवासी क्षेत्रों में अधोसंरचात्मक तथा मूलभूत सुविधाओं की सुचारू व्यवस्था से पर्यटन का विकास होगा और क्षेत्रवासियों के लिए रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे।

गौरतलब है कि पीएम जनमन योजना, धरती आबा, ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत जहां एक ओर ग्रामीणों और रहवासी क्षेत्र का शत-प्रतिशत विकास किया जा रहा है वहीं राज्य सरकार की महत्वकांक्षी नियद नेल्लानार योजना सहित शासन के विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से हो रहे विकास के साथ-साथ नक्सलवाद के खात्मे की ओर आगे भी बढ़ रहे हैं। इससे अब अबूझमाड़ में भी विकास का नया सवेरा होगा। लोग खुली हवा में निडरतापूर्वक सांस ले सकेंगे। वहां भी चमचमाती सड़कों का जाल बिछने लगा है।

बता दें कि बस्तर क्षेत्र में स्थित अबूझमाड़, छत्तीसगढ़ का एक पिछड़ा और आदिवासी बहुल क्षेत्र है, जो विकास की दृष्टि से अभी भी उपेक्षित है। इस क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र सरकार ने पीएम जनमन और धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं।

पीएम जनमन (प्रधानमंत्री जनजातीय जन विकास मिशन) के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के साथ ही आदिवासी समुदायों के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है। अबूझमाड़ में भी आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जा रहा है। वहीं धरती आबा ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत आदिवासी गांवों के समग्र विकास के लिए काम किया जा रहा है। इस अभियान से गांवों में बुनियादी सुविधाओं जैसे सड़क, पानी, और बिजली की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही, ग्रामीणों को आजीविका के अवसर प्रदान करने के लिए कौशल विकास और स्वरोजगार की योजनाएं भी चलाई जा रही हैं।

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