विशेष लेख : बस्तर में फैल रहा है अब विकास का उजियारा
08-Jul-2025 12:00 AM 1358

छत्तीसगढ़, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, घने वन क्षेत्र और विविध जनजातीय समुदायों के लिए जाना जाता है, लंबे समय से नक्सलवाद की चुनौती से जूझता रहा है। बस्तर के विकास में बाधक रहे नक्सलवाद के अब यहां से नक्सल उन्मूलन की अंतिम लड़ाई जारी है। बस्तर संभाग अपनी कला एवं संस्कृति के लिए विशिष्ट पहचान रखता है अकेले बस्तर संभाग में ही हल्बी, गोड़ी, भतरी दोलरी जैसे पारंपरिक बोली, बोली जाती है। वर्षों से अशांत रहे बस्तर अंचल में ढोल और मांदर की थाप अब फिर से सुनाई देने लगेगी। मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने का संकल्प छत्तीसगढ़ सरकार ने लिया है। सटीक रणनीति के साथ यहां आतंक के खात्मे और सामाजिक- आर्थिक विकास के काम हो रहे हैं। बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे आयोजनों में जिस तरह लोगों ने भागीदारी की वो इस बात का प्रमाण है की बस्तर में अब शांति स्थापित हो रही है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का मानना है कि ‘‘लाल आतंक के खात्मे के लिए नक्सलियों के खिलाफ हमारी निर्णायक लड़ाई जोर शोर से जारी है। इसका परिणाम है कि नक्सलियों की कमर अब टूट गई है। प्रदेश से जब तक नक्सली हिंसा और उग्रवाद का अंत नहीं हो जाता हम चुप नहीं बैंठेंगे।’’

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह 22 जून 2025 को छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए थे इस दौरान उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में आराम करने वाले नक्सली इस बरसात में चैन की नींद नहीं सो पाएंगे। सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल ऑपरेशन जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों के वीर जवान कठिन चुनौतियों और दुर्गम परिस्थितियों के बावजूद नक्सलवाद के खात्मे के अभियान को ऐतिहासिक सफलता की ओर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों का अद्वितीय साहस और बलिदान न केवल हमारे जवानों की कर्तव्यनिष्ठा को प्रदर्शित करता है, बल्कि पूरे देश को एक सकारात्मक संदेश भी देता है कि हमारा देश अब नक्सलवाद की बेड़ियों से मुक्त होने की ओर अग्रसर है।

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