10-Aug-2021 09:16 PM
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नयी दिल्ली, 10 अगस्त (AGENCY) कोरोना ने हर उम्र और तबके के लोगों को प्रभावित किया है। डॉ. नीरजा अग्रवाल (पुनर्वास और किशोर मनोविज्ञान विशेषज्ञ, दिल्ली) ने कहा कि किशोर और युवाओं के भावनात्मक और व्यावहारिक स्वास्थ्य पर लघु और दीर्घकालीन किस तरह का प्रभाव पड़ सकता है।
डॉ अग्रवाल ने कहा,“ यह समय सभी के लिए मुश्किल है। हम सभी शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी का सामना कर रहे हैं। किशोर भी इस समस्या से अछूते नही हैं। परिस्थितियों के साथ सामंजस्य करना उनके लिए भी मुश्किल हो रहा है, इसका असर उनकी नियमित दिनचर्या पर पड़ रहा है, जैसे कि या तो वह बहुत अधिक खा रहे हैं या बिल्कुल भी नहीं। कुछ किशोर व्यवहार में बहुत आक्रामक हो गए हैं, कुछ युवाओं के व्यवहार गंभीर ओसीडी (अब्सेसिव कंपलसिव डिस्आर्डर) का असर दिख रहा है, क्योंकि उन्हें बाहर आने जाने की मनाही है घर पर भी नियमित दिनचर्या नहीं है, इसलिए मोबाइल स्क्रीन पर औसतन बिताए जाने वाले समय की अवधि बढ़ रही है, स्क्रीन टाइम बढ़ने से एकाग्रता और ध्यान की कमी आदि समस्या भी बढ़ी हैं। जिन परिवारों में किसी अपने प्रियजन को खोया उनमें यह दिक्कत अधिक बढ़ गई और ऐसी स्थिति से उपजे तनाव का मुकाबला करना अधिक मुश्किल हो जाता है।...////...