युवाओं में धरोहर के प्रति रुझान बढ़ा: मोदी
30-Jul-2023 02:04 PM 4564
नयी दिल्ली 30 जुलाई (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की प्राचीन कलाकृतियां लौटाने के लिए अमेरिका का आभार व्यक्त करते हुए कहां है कि इससे युवाओं में धरोहर सहेजने की प्रवृत्ति में वृद्धि होगी। श्री मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 103 वीं कड़ी में कहा कि अमेरिका ने भारत को सौ से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियाँ वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। भारत लौटीं ये कलाकृतियाँ ढाई हजार साल से लेकर ढाई सौ साल तक पुरानी हैं। इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है। ये टेराकोटा, धातु और लकड़ी के इस्तेमाल से बनाई गई हैं। इनमें 11वीं शताब्दी का एक खुबसूरत बलुआ पत्थर से निर्मित कलाकृति भी है। ये नृत्य करती हुई एक ‘अप्सरा’ की कलाकृति है, जिसका नाता, मध्य प्रदेश से है। चोल युग की कई मूर्तियाँ भी इनमें शामिल हैं। देवी और भगवान मुर्गन की प्रतिमाएँ तो 12वीं शताब्दी की हैं और तमिलनाडु की वैभवशाली संस्कृति से जुड़ी हैं। भगवान गणेश की करीब एक हजार वर्ष पुरानी कांसे की प्रतिमा भी भारत को लौटाई गई है। ललितासन में बैठे उमा-महेश्वर की एक मूर्ति 11वीं शताब्दी की बताई जाती है जिसमें वह दोनों नंदी पर आसीन हैं। पत्थरों से बनी जैन तीर्थंकरों की दो मूर्तियाँ भी भारत वापस आई हैं। भगवान सूर्य देव की दो प्रतिमाएं भी हैं। वापस लौटाई गई चीजों में लकड़ी से बना एक पैनल भी है, जो समुद्रमंथन की कथा को सामने लाता है। 16वीं-17वीं सदी के इस पैनल का जुड़ाव दक्षिण भारत से है। श्री मोदी ने कहा, “मैं, अमेरिकी सरकार का आभार करना चाहूँगा, जिन्होंने हमारी इस बहुमूल्य विरासत को, लौटाया है। वर्ष 2016 और 2021 में भी जब मैंने अमेरिका की यात्रा की थी, तब भी कई कलाकृतियाँ भारत को लौटाई गई थी।” उन्होंने भरोसा जताया कि ऐसे प्रयासों से हमारी सांस्कृतिक धरोहरों की चोरी रोकने को इस बात को ले करके देशभर में जागरुकता बढ़ेगी। इससे हमारी समृद्ध विरासत से देशवासियों का लगाव भी और गहरा होगा।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^