आतंकवाद की सुविधानुसार निंदा मानवता के साथ विश्वासघात-मोदी
07-Jul-2025 12:19 AM 5752
रियो डी जनेरियो/नयी दिल्ली 06 जुलाई (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मंच से आतंकवाद को 'मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती' बताते हुए रविवार को कहा कि आतंकवाद की निंदा केवल सुविधा के हिसाब से करना मानवता के साथ विश्वासघात है। श्री मोदी ने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करने और भारत के साथ संवेदना तथा समर्थन जताने वाले देशों का आभार जताया। श्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पहले दिन यहां 'शांति और सुरक्षा पर ब्रिक्स सत्र के दौरान' भारत की ओर वक्तव्य में कहा, 'आतंकवाद की निंदा हमारा 'सिद्धांत' होना चाहिए, केवल 'सुविधा' नहीं। अगर पहले यह देखेंगे कि हमला किस देश में हुआ, किसके विरुद्ध हुआ, तो यह मानवता के खिलाफ विश्वासघात होगा।' प्रधानमंत्री ने कहा , 'मित्रों आतंकवाद, आज मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती बनकर खड़ा है। हाल ही में भारत ने एक अमानवीय और कायरतापूर्ण आतंकी हमले का सामना किया। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, भारत की आत्मा, अस्मिता और गरिमा पर सीधा प्रहार था।' उन्होेंने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमला केवल भारत पर नहीं, पूरी मानवता पर आघात था। श्री मोदी ने कहा, 'इस दुख की घड़ी में, जो मित्र देश हमारे साथ खड़े रहे, जिन्होंने समर्थन और संवेदना व्यक्त की, मैं उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ।' गौरतलब है कि पाकिस्तान की शह पर काम करने वाले आतंकवादियों ने गत 22 अप्रैल को 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी थी जिनमें से एक नेपाली नागरिक था। प्रधानमंत्री कार्यालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार श्री मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा कि 'वैश्विक शांति और सुरक्षा केवल एक आदर्श नहीं है, ये हम सभी के साझा हितों और भविष्य की बुनियाद है।' उन्होंने कहा कि एक शांतिपूर्ण और सुरक्षित वातावरण में ही मानवता का विकास संभव है। श्री मोदी ने कहा, 'इस उद्देश्य को पूरा करने में ब्रिक्स की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारी साझा चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें एकजुट होकर, सामूहिक प्रयास करने होंगे। मिलकर आगे बढ़ना होगा।' उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने पर कोई संकोच नहीं होना चाहिए। आतंकवाद के पीड़ितों और समर्थकों को एक ही तराजू में नहीं तौला जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि निजी या राजनीतिक स्वार्थ के लिए, आतंकवाद को मूक सम्मति देना, आतंक या आतंकियों का साथ देना, किसी भी अवस्था में स्वीकार्य नहीं होना चाहिए। श्री मोदी ने कहा, 'आतंकवाद को लेकर कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। अगर हम यह नहीं कर सकते तो यह प्रश्न स्वाभाविक है कि क्या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर हम गंभीर हैं भी या नहीं।' प्रधानमंत्री ने पश्चिम एशिया से लेकर यूरोप तक फैले तनाव का भी जिक्र किया। उन्होंने गाजा में वर्तमान मानवीय स्थिति को बड़ी चिंता का कारण बताया। इसी संदर्भ में श्री मोदी ने कहा, 'भारत का अडिग विश्वास है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हों, मानवता की भलाई के लिए शांति का पथ ही एकमात्र विकल्प है।' श्री मोदी ने कहा कि भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है और हमारे लिए युद्ध और हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत हर उस प्रयास का समर्थन करता है जो विश्व को विभाजन और संघर्ष से बाहर निकालकर, संवाद, सहयोग और समन्वय की ओर अग्रसर करे, एकजुटता और विश्वास बढ़ाए। श्री मोदी ने कहा कि भारत इस दिशा में सभी मित्र देशों के साथ सहयोग और साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में उपस्थित नेताओं को अगले वर्ष भारत की अध्यक्षता में होने जा रही ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने का न्योता भी दिया।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^