अगले तीन वर्षों में होगी भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाः अनुराग
21-Oct-2023 08:50 PM 2787
शिमला, 21 अक्टूबर (संवाददाता) केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने डिजिटल तकनीक पर बात करते हुए कहा कि अगले तीन वर्षों में होगी भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। श्री ठाकुर ने कहा,“अगले तीन वर्षों में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा। डिजिटल प्रौद्योगिकी के कारण ई-पेमैंट में पूरी दुनिया में भारत का शेयर 46 प्रतिशत हो गया है। आत्मनिर्भर अभियान के अर्न्तगत भारत में पिछले एक साल में एक लाख करोड़ रुपये का रक्षा उपकरणों का उत्पादन किया है। जबकि इसी दौरान 16000 करोड़ का निर्यात किया है। अगले पांच साल में रक्षा उपकरणों का उत्पादन दो गुना और निर्यात तीन गुणा हो जाएगा। आत्मनिर्भर अभियान के अर्न्तगत एक लाख रुपये के मोबाईल फोन निर्यात किया गया है। अमृत महोत्सव ने पिछले दो वर्षों में भारत की आजादी के अमर बलिदानियों के बारे में जागरूकता फैलाने का काम किया है। पिछले दो वर्षों में 750 जिलों में यह पता चला है कि उस गांव में किसने आजादी में अपना योगदान दिया है। इसके बारे में ऑनलाईन भी देखा जा सकता है।” उन्होंने कहा कि देश ग़ुलामी की मानसिकता से अब बाहर आ रहा है। पहले राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक राजपथ बना था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलामी की मानसिकता से मुक्ति दिलाने के लिए उसको कर्त्तव्य पथ बना दिया है। श्री ठाकुर ने कहा कि उसी कर्तव्य पथ पर इंडियागेट पर आजादी के विगत 13 साल तक किसी ने शहीद स्मारक दिल्ली में नहीं बनाया। शहीद स्मारक वार मेमोरियल भी बनाया है तो नरेन्द्र मोदी की सरकार ने। मेरी माटी, मेरा देश आजादी के अमृत महोत्सव का अंतिम कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत देश के साढ़े छह लाख गांवो में अमृत कलश यात्रा निकाली जाएगी। 30 करोड़ घरों से मिट्टी ली जाएगी। प्रत्येक गांव में अमृत वाटिका बनेगी। प्रत्येक गांव की मिट्टी को ब्लॉक स्तर से होते हुए देश की राजधानी लाया जाएगा। पंच प्रण के शपथ लिए जाएंगे। वीरों का नमन मिट्टी का वंदन होगा।” श्री ठाकुर ने कहा ‘‘भारतीय जनता पार्टी और इसके कार्यकर्ता दिखावे के लिए सहायता नहीं करते। हिमाचल में आपदा के समय केंद्र ने एक नहीं चार किश्तों में 862 करोड़ तो पहले ही दे दिए, फिर 5000 घर , दूसरी बार 6000 घर, कुल मिला के 11000 घर दिए। 2700 करोड़ ग्रामीण सड़कों के लिए दिया। मनरेगा में जो बंदिशे थीं सुविधा के लिए उन्हें हटाया गया। अब कामगार जितनी दिहाड़ी लगानी उतनी लगा सकते हैं। इससे बावजूद अगर राज्य की सरकार कहे की कुछ नहीं दिया तो आसानी से समझा जा सकता है कि आपदा में भी कुछ लोग राजनीती करते हैं।...////...
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