11-Aug-2021 10:11 PM
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नयी दिल्ली, 11 अगस्त (AGENCY) छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनसुईया उइके ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और नक्सलवाद, पांचवीं अनुसूची तथा अन्य विषयों पर चर्चा की।
सुश्री उइके ने प्रधानमंत्री से कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या गंभीर है तथा इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले नगरीय क्षेत्रों में मेसा कानून लागू करने का अनुरोध किया और कहा कि मेसा कानून लागू होने से जनजातियों को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे।
राज्यपाल ने जनजातियों को भूमि विक्रय में होने वाली समस्याओं से अवगत कराया और समस्या के समाधान करने की आवश्यकता जतायी। इसके अलावा प्रधानमंत्री वनवासी किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री निःशुल्क नमक वितरण योजना, केन्द्रीय योजनाओं का लाभ, स्थानीय वनवासी युवाओं की सरकारी सेवाओं के वर्ग तीन एवं चार में भर्ती हेतु जिला संवर्ग के पद, वनवासियों की कृषि भूमि का प्रबंधन, ट्राईफेड का सशक्तीकरण, लघु वनोपजों की खरीद, व्यक्तिमूलक योजनाओं को बढ़ावा, वन संरक्षण अधिनियम की समीक्षा, वनवासी युवाओं को आगे लाने हेतु निःशुल्क कोचिंग व्यवस्था सहित विभिन्न मसलों पर भी चर्चा की।
उन्होंने प्रधानमंत्री को जनजातियों के जाति नाम में मात्रात्मक त्रुटियों से अवगत कराते हुए कहा कि इससे पात्र व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इन सुधारों के प्रस्ताव छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से भेजे जा चुके हैं है और जनगणना महानिदेशक एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने अपनी अनुशंसा प्रेषित कर दी है तथा जनजातीय विभाग द्वारा विधेयक प्रस्तुतीकरण एवं पारित कराना शेष है। उन्होंने इस संबंध में जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया।
राज्यपाल ने उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल के चार जिलों चन्दौली, कुशीनगर, संत कबीरनगर, संत रविदास नगर जनजाति जिलों में शामिल करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में स्थापित होने वाली उत्खनन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के बदले भूमिस्वामी को उस परियोजनाओं के लाभांश में शेयर होल्डर बनाने या भूमि के उपयोग के लिए वार्षिक या मासिक किराया देने के संबंध में भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने राज्यपाल से छत्तीसगढ़ में वर्षा, कृषि की स्थिति पर भी चर्चा की।
सुश्री उईके ने प्रधानमंत्री को एक पुस्तक “कोरोना काल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका” भी भेंट की ।...////...