26-Oct-2023 07:47 PM
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नयी दिल्ली 26 अक्टूबर (संवाददाता) रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने गुरूवार को यहां बांग्लादेश उच्चायोग द्वारा आयोजित एक समारोह में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान अपने प्राण न्योछावर करने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर उन्होंने अपने संबोधन में कहा ,“ हम सभी देश के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पर इकट्ठा हुए हैं, जिनका योगदान भारत और बांग्लादेश के इतिहास को आकार देने में ‘भारत-बांग्लादेश मैत्री’ का आधार है” उन्होंने कहा कि ‘मैत्री, बंधुत्व, अनुग्रह’ ये सभी भारत तथा बांग्लादेश के नागरिकों के बीच भाईचारे के संबंधों को परिभाषित करने वाले शब्द हैं।
रक्षा राज्य मंत्री ने बांग्लादेश द्वारा स्वाधीनता के लिए किये गए संघर्ष को समकालीन इतिहास के महान आंदोलनों में से एक करार दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आदर्शों ने दोनों देशों के बीच संबंधों की आधारशिला रखी है, जिसे संजोया जाना चाहिए और युवा पीढ़ी तक पहुंचाया जाना चाहिए। श्री भट्ट ने कहा कि भारतीय सेना ने बांग्लादेश युद्ध के दौरान नेक कार्य के लिए बांग्लादेश के मुक्तियोद्धाओं के साथ मिलकर लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि इन मुक्तियोद्धाओं ने कई वर्षों तक दोनों देशों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य किया है।
श्री भट्ट ने व्यापार और वाणिज्य, संचार, सुरक्षा, सांस्कृतिक सहयोग, लोगों के एक-दूसरे के साथ संबंध, प्रशिक्षण व क्षमता निर्माण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्रों में भारत तथा बांग्लादेश के बीच प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा ,“ हम रेल, सड़क और जलमार्गों को आधुनिक बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं, जो पारंपरिक रूप से दोनों तरफ के लोगों एवं अर्थव्यवस्थाओं को जोड़ते हैं।” उन्होंने कहा कि नई परियोजनाएं स्थापित करने के बारे में भी काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की सहायता से कई विकासात्मक परियोजनाएं कार्यान्वित हो चुकी हैं और कुछ अन्य भी जल्द ही पूरी हो जाएंगी।
रक्षा राज्य मंत्री ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बांग्लादेश उच्चायोग को धन्यवाद दिया और ‘बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान छात्रवृत्ति' प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी। ये विद्यार्थी बांग्लादेश युद्ध के दौरान शहीद होने वाले सैनिकों के वंशज थे।
इस अवसर पर बांग्लादेश के मंत्री ए के एम मोजामे हक, बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद मुस्तफिजुर रहमान, भारत और बांग्लादेश के सैनिकों के परिवार एवं वंशज तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।...////...