07-Sep-2023 09:35 PM
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कोलकाता, 07 सितंबर (संवाददाता) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कई सरकारी विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपति के रूप में नियुक्ति का बचाव करते हुए गुरुवार को कहा कि उनका कदम राज्य भर में भ्रष्टाचार मुक्त और हिंसा मुक्त विश्वविद्यालयों को बहाल करना है।
एक निजी टीवी चैनल को संबोधित करते हुए धाराप्रवाह बंगला बोलते हुए श्री बोस ने कहा कि राज्य में इतने सारे प्रतिभाशाली शिक्षकों के साथ-साथ मेधावी छात्रों के साथ भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल होने की क्षमता है। उन्होंने कहा , “शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों को पूरी तरह से भ्रष्टाचार और हिंसा मुक्त होना चाहिए।मैं राज्य विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति हूं। मैं चाहता हूं कि ऐसे संस्थान देश में सर्वश्रेष्ठ हों और यह बहुत संभव है।”
राज्यपाल ने कहा, “हमें ऐसे विश्वविद्यालयों को क्रियाशील बनाने के लिए कुलपतियों की नियुक्ति करनी होगी।” उन्होंने लोगों और छात्र समुदायों के साथ-साथ शिक्षकों से भी आग्रह किया कि वे शैक्षणिक संस्थानों को हिंसा और भ्रष्टाचार से मुक्त रखने के उनके काम में अपना समर्थन दें।”
राज्यपाल ने रविवार की रात प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय सहित 16 अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की, जहां कोई कुलपति नहीं थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा राज्यपाल द्वारा नियुक्त अंतरिम कुलपतियों के वेतन को रोकने की धमकी के एक दिन बाद उन्होंने बुधवार को कृष्णानगर में कन्याश्री विश्वविद्यालय के एक और अंतरिम वीसी की नियुक्ति की।
राज्यपाल ने कहा कि कुलपतियों की अनुपस्थिति में छात्रों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जैसे समय पर प्रमाण पत्र प्राप्त करना, साथ ही अन्य प्रशासनिक दिक्कतें ।
श्री बोस ने अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के अपने कदम का विरोध करने के लिए राज्य शिक्षा विभाग की भी आलोचना की और आरोप लगाया कि सरकार द्वारा कुलपतियों के रूप में अनुशंसित कुछ लोग भ्रष्ट थे और उनके खिलाफ उत्पीड़न के आरोप थे।...////...