13-Jul-2023 03:25 PM
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नयी दिल्ली, 13 जुलाई (संवाददाता) परंपरागत चिकित्सा पद्धति तथा आयुष के विकास तथा अनुसंधान को प्रोत्साहन देने के लिए भारत और आसियान सदस्य देश 21 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में विचार-विमर्श करेंगे।
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बृहस्पतिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आयुष पर ऐसा सम्मेलन एक दशक के बाद आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में भारत और आसियान के सदस्य देश कंबोडिया, वियतनाम सहित 10 देश शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय, आसियान में भारतीय मिशन और आसियान सचिवालय के सहयोग से आयुष मंत्रालय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर सम्मेलन का आयोजन करेगा। दक्षिण-पूर्वी देशों के संगठन- आसियान में वियतनाम, कंबोडिया सहित 10 एशियाई देश हैं।
सम्मेलन में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवीन अनुसंधान, प्रोद्योगिकी, शिक्षा, व्यापार आदि पर विचार विमर्श होगा और आसियान सदस्य देशों के साथ भारत अपने अनुभव को साझा करेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत और आसियान सदस्य देशों के बीच बहुआयामी संबंध साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों की मजबूत नींव पर है। लगभग एक दशक के बाद पारंपरिक चिकित्सा पर आयोजित होने वाला भारत-आसियान सम्मेलन, आसियान के साथ भारत के सहयोग को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन आसियान देशों के लिये आयुष मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं के अनुसंधान परिणामों को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इसी तरह, आसियान के सदस्य देश भी अपने अनुभव साझा करेंगे। यह सम्मेलन पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए आसियान सदस्य देशों के नियामक ढांचे में हाल के विकास को साझा करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि इस एक दिवसीय सम्मेलन में 75 प्रतिभागी हैं। इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रूनेई, थाईलैंड, लाओ पीडीआर , म्यांमार और वियतनाम के प्रतिनिधि प्रत्यक्ष और कंबोडिया एवं सिंगापुर के प्रतिनिधि आनलाइन सम्मेलन में शामिल होकर पारंपरिक दवाओं पर विचार-मंथन करेंगे और अपने विचार साझा करेंगे।...////...