भारत-ब्रिटेन एफटीए साझा समृद्धि का पुल : उद्योग
07-May-2025 06:53 AM 5167
नई दिल्ली, 06 मई (संवाददाता) भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर का उद्योग जगत ने स्वागत किया और कहा कि यह समझौता साझा समृद्धि का एक पुल है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन फिक्की के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने इस समझौते को साझा समृद्धि का एक पुल बताया और कहा कि यह केवल एक व्यापारिक दस्तावेज नहीं बल्कि दो देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने का एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साहसिक और दूरदर्शी नेतृत्व में यह समझौता भारत की वैश्विक आर्थिक ताकत और उसकी विश्वसनीयता को रेखांकित करता है। यह एफटीए एफएमसीजी, हेल्थकेयर और नवाचार-संचालित उद्यमों सहित कई क्षेत्रों को नई गति प्रदान करेगा। उन्होंने इस समझौते को मौजूदा वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं के बीच व्यापार और निवेश के नए अवसरों को खोलने वाला बताया। श्री अग्रवाल ने कहा कि फिक्की ने भारत और ब्रिटेन की सरकारों को इस ऐतिहासिक समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर करने और सामाजिक सुरक्षा योगदान जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर समाधान निकालने के लिए बधाई दी। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारतीय निर्यातकों को अब ब्रिटेन के बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार, जो वर्तमान में 50 अरब डॉलर से अधिक है, आने वाले वर्षों में कई गुना बढ़ने की संभावना है। फिक्की प्रमुख ने यह भी रेखांकित किया कि यह समझौता भारत द्वारा किसी विकसित अर्थव्यवस्था के साथ किया गया सबसे व्यापक समझौता है, जो आर्थिक सहयोग, रोजगार सृजन और दीर्घकालिक समृद्धि को मजबूती देगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय उद्योग इस अवसर का पूरा लाभ उठाते हुए वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति को और सुदृढ़ करेगा। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष अजय सहाय रल्हन ने भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक एफटीए को अंतिम रूप दिए जाने का स्वागत किया और इसे ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया, जो भारत-यूके द्विपक्षीय व्यापार को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देने, रणनीतिक निवेश आकर्षित करने और भारतीय व्यवसायों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में गहराई से एकीकृत करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब भारत खुद को एक लचीले और भरोसेमंद व्यापार भागीदार के रूप में विश्व स्तर पर स्थापित कर रहा है। भारत-ब्रिटेन एफटीए दोनों देशों के साझा आर्थिक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है और यह दीर्घकालिक, टिकाऊ तथा परस्पर लाभकारी व्यापार संबंधों के लिए एक मजबूत मंच तैयार करता है। एफटीए के तहत भारतीय उत्पादों की एक बड़ी श्रृंखला पर टैरिफ समाप्त किया गया है या उसे काफी कम किया गया है। इससे भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन जैसे समृद्ध और उपभोक्ता-संचालित बाजार में तरजीही पहुंच मिलेगी। रत्न और आभूषण क्षेत्र में भारत के हस्तशिल्प और हीरा प्रसंस्करण को बढ़ावा मिलेगा जबकि फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र में अनुमोदन प्रक्रियाएं सरल होंगी, जिससे जेनेरिक दवाओं को जल्दी मंजूरी मिलेगी। इसके अलावा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों जैसे चाय, मसाले, चावल और रेडी-टू-ईट उत्पादों के लिए भी यूके बाजार में बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी। श्री रल्हन ने यह भी कहा कि यह समझौता आईटी और व्यावसायिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देगा, जहां पेशेवरों की गतिशीलता और नियामक बाधाएं कम की जाएंगी। एफटीए में निवेश सुविधा, बौद्धिक संपदा, डिजिटल व्यापार और विवाद समाधान जैसे प्रावधान भी शामिल हैं, जो ब्रिटेन के निवेशकों को स्थायित्व और पूर्वानुमान देने का कार्य करेंगे। इससे भारत की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में स्थिति और मजबूत होगी। फियो अध्यक्ष ने भारत-ब्रिटेन एफटीए को ‘गेम चेंजर’ करार दिया और कहा कि यह व्यापार-आधारित विकास का एक नया युग शुरू करेगा, भारतीय निर्यातकों के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा, आर्थिक एकीकरण को गहरा करेगा और वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भूमिका को और सशक्त करेगा। उन्होंने विशेष रूप से एमएसएमई इकाइयों से आग्रह किया कि वे इस समझौते के जरिए प्राप्त अवसरों का अधिकतम लाभ उठाएं और अपने वैश्विक प्रभाव क्षेत्र को विस्तार दें। उन्होंने कहा कि वह सरकार और उद्योग के हितधारकों के साथ मिलकर इस व्यापार समझौते के प्रभावी क्रियान्वयन और उससे अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है।...////...
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