भारत-घाना ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया: मोदी
03-Jul-2025 08:29 AM 9295
अक्कारा/नयी दिल्ली, 03 जुलाई (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अक्कारा में राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा से बातचीत के बाद कहा कि भारत और घाना ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भारत घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ भागीदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय वार्ता के बाद अक्कारा में जुबली हाउस में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि तीन दशकों के अंतराल के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री घाना का दौरा कर रहा है और यह उनके लिए बेहद गर्व की बात है कि उन्हें घाना आने का यह अवसर दिया गया है। उन्होंने राष्ट्रपति महामा को दिसंबर 2024 के आम चुनावों में जीत के लिए बधाई दी, जो दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि यह जीत घाना के लोगों के उनके नेतृत्व और विजन में गहरे भरोसे को दर्शाती है। श्री मोदी ने कहा, “राष्ट्रपति महामा और मैंने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को 'व्यापक साझेदारी' के स्तर तक बढ़ाने का फैसला किया है। घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में भारत न केवल भागीदार है, बल्कि सह-यात्री भी है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि भव्य जुबली हाउस, विदेश सेवा संस्थान, कोमेंडा शुगर फैक्ट्री, भारत-घाना कोफी अन्नान आईसीटी सेंटर और टेमा-पकाडन रेलवे लाइन द्विपक्षीय साझेदारी के प्रतीक हैं। द्विपक्षीय व्यापार तीन अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है। भारतीय कंपनियों ने लगभग 900 परियोजनाओं में लगभग दो अरब डॉलर का निवेश किया है। श्री मोदी ने कहा, “आज, हमने अगले पांच वर्षों में अपने आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।” उन्होंने कहा कि फिनटेक के क्षेत्र में भारत घाना के साथ अपने यूपीआई डिजिटल भुगतान अनुभव को साझा करने के लिए तैयार है। इस बात पर जोर देते हुए कि विकास साझेदारी द्विपक्षीय संबंधों का एक आधारभूत स्तंभ है, उन्होंने आर्थिक पुनर्गठन की दिशा में राष्ट्रपति महामा के प्रयासों के लिए भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। भारत ने घाना के लिए आईटीईसी और आईसीसीआर छात्रवृत्ति को दोगुना करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “युवाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, हम एक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने के लिए काम करेंगे। हम राष्ट्रपति महामा के ‘फीड घाना’ कृषि कार्यक्रम में सहयोग करके खुशी महसूस कर रहे हैं। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से, भारत-घाना के नागरिकों को सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का प्रस्ताव करता है,” श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने वैक्सीन उत्पादन में सहयोग पर भी चर्चा की। उन्होंने कि हम रक्षा और सुरक्षा में 'एकजुटता के माध्यम से सुरक्षा' के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे। सैन्य प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा में सहयोग को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय कंपनियां महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन में सहयोग करेंगी। भारत और घाना पहले से ही अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसे प्लेटफार्मों में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घाना के नवीकरणीय ऊर्जा प्रयासों, विशेष रूप से स्वच्छ रसोई गैस में समर्थन करने के लिए, हमने उन्हें वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम दोनों ही ग्लोबल साउथ के सदस्य हैं और इसकी प्राथमिकताओं के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ में घाना की सकारात्मक भागीदारी के लिए उसे धन्यवाद देते हैं।” श्री मोदी ने कहा कि भारत को गर्व है कि हमारे जी-20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को जी-20 में स्थायी सदस्यता प्रदान की गई। दोनों पक्षों ने साहेल क्षेत्र सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने कहा, “हम इस बात पर पूरी तरह सहमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए खतरा है। हम आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग के लिए घाना को धन्यवाद देते हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोग को मजबूत करने का फैसला किया है।” उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर हमारे विचार एक जैसे हैं। हमने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। हमारा मानना ​​है कि यह युद्ध का युग नहीं है। समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के जरिए किया जाना चाहिए। जीवंत भारतीय समुदाय के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि वे हमारे लोगों के बीच संबंधों में एक विशेष कड़ी हैं। भारतीय शिक्षक, डॉक्टर और इंजीनियर लंबे समय से घाना में सेवा कर रहे हैं और उन्होंने इसकी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में सकारात्मक योगदान दिया है। श्री मोदी ने कहा, “मैं कल भारतीय समुदाय से मिलने के लिए उत्सुक हूँ।” प्रधानमंत्री ने कहा, “आप भारत के प्रिय मित्र हैं और हमारे देश से अच्छी तरह परिचित हैं। मैं आपको भारत आने का निमंत्रण देता हूँ, और मुझे आशा है कि आप हमें वहाँ आपका स्वागत करने का अवसर देंगे।” इससे पहले अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत-घाना मैत्री के मूल में हमारे साझा मूल्य, संघर्ष और समावेशी भविष्य के सपने निहित हैं। हमारे देशों के स्वतंत्रता संग्राम ने कई अन्य लोगों को प्रेरित किया है। आज भी, घाना पश्चिम अफ्रीका में एक जीवंत लोकतंत्र और अन्य देशों के लिए ‘आशा की किरण’ के रूप में खड़ा है।” प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए घाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति महामा प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर उनका स्वागत करने के लिए कोटोका अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आए थे। श्री मोदी का हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत किया गया और 21 तोपों की सलामी दी गई।...////...
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