22-Sep-2023 07:53 PM
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नयी दिल्ली, 22 सितंबर (संवाददाता) वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट में शुक्रवार को कहा गया कि जीएसटी संग्रह, ई-वे बिल और पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) जैसे शीघ्रता से आने वाले नियमित आंकड़ों से संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यस्था की वृद्धि का आवेग बना हुआ है और चालू वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था का परिदृष्य उज्ज्वल बना हुआ है।
वित्त मंत्रालय की मासिक आर्थिक समीक्षा (अगस्त 2023) में कहा गया है, "वित्त वर्ष 2023-24 का भारत का आर्थिक परिदृश्य उज्ज्वल बना हुआ है। आर्थिक गतिविधियों की गति बनी हुई है। अल्प अंतराल पर प्राप्त होने वाले आंकड़ों से लगता है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की भी स्थिति अच्छी है।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई 2023 में जिन चुनिंदा खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी के चलते मुद्रास्फीति सात प्रतिशत से ऊपर चली गयी थी उनकी कीमतें घट रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि खनिज तेल की कीमतों में हालिया वृद्धि से चिंता उभर रही है लेकिन अभी इसे कोई संकट नहीं माना जाना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही के अग्रिम कर भुगतान के आंकड़ों से पता चलता है कि निजी क्षेत्र अच्छी स्थिति में हैं और निवेश कर रही हैं।
वित्त वर्ष 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यस्था के लिए कुछ न कुछ जोखिम तो बने रहते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "कच्चे तेल की कीमतें लगातार चढ़ रही हैं। अगस्त में मानसूनी वर्षा की कमी का असर खरीफ और रबी दोनों फसलों पर पड़ सकता है। इस असर का अनुमान लगाने की जरूरत है।"
उल्लेखनीय है कि उपभोग और निवेश की मजबूत घरेलू मांग की मदद से भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही ( अप्रैल-जून, 2023)में पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।...////...