27-May-2025 09:44 PM
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उदयपुर, 27 मई (संवाददाता) मानव सेवा में जुटी नारायण सेवा संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा है कि सेवा भाव के बिना व्यक्तित्व का विकास नहीं हो सकता। भाव से ही व्यक्ति कर्म की ओर प्रेरित होता है।
श्री अग्रवाल मंगलवार को संस्थान द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय..अपनों से अपनी बात.. कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति और संवेदना जिस व्यक्ति में है, वही समाज में सम्मान का पात्र बनता है। वह असंभव को भी संभव बना देता है।
कार्यक्रम में देशभर से जन्मजात विकलांगता एवं पोलियो की निःशुल्क सर्जरी एवं कृत्रिम हाथ-पांव लगवाने के लिये आये दिव्यांगजन और उनके परिजन उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के विकास में जरूरतमंदों की सेवा का भी बड़ा महत्व है। पीड़ितों, दिव्यांगों एवं असहायों की मदद से न केवल उन्हें राहत मिलेगी बल्कि सेवा करने वाले के जीवन में आने वाली समस्याएं भी स्वतः दूर होंगी। इसीलिए हमारे शास्त्रों में दान को महत्वपूर्ण माना गया है। व्यक्ति को अपनी आय का 10वां हिस्सा दीन-दुखियों की सेवा में लगाना ही चाहिए, जिसने सेवा को स्वभाव बना लिया उसके लिए सफलता के शिखर चढ़ना सहज होगा।
कार्यक्रम में बिहार से आये दिव्यांग रोहित यादव ने बताया कि सड़क हादसे में एक पांव खोने के बाद वे अवसाद ग्रस्त हो गए थे, लेकिन यहां कृत्रिम पांव लगने के बाद उन्हें नयी जीवनी शक्ति मिली है और परिवार का फिर से आर्थिक सम्बल बन सकेंगे।...////...