08-Aug-2023 09:59 PM
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चेन्नई, 08 अगस्त (संवाददाता) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने तीसरे चंद्रमा ‘मिशन चंद्रयान-3 ’के अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्ष में और करीब लाने तथा चन्द्रमा से इसकी दूरी कम करने के लिए बुधवार दोपहर को एक और महत्वपूर्ण प्रयास ‘मेन्यूवर’ करेगा।
इसरो ने कहा कि कक्ष को और कम करने का दूसरा ऑपरेशन 9 अगस्त को भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजे से दो बजे के बीच निर्धारित है।
पांच अगस्त को चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को चंद्र कक्ष में स्थापित किए जाने के बाद रविवार की देर रात इसने नियोजित कक्षा कटौती प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था।
इंजनों की रेट्रोफायरिंग ने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की सतह के 170 गुणा 4313 किमी के करीब ला दिया है।
यह मेन्यूवर चंद्रयान-3 की कक्ष को धीरे-धीरे कम करने और इसे चंद्र ध्रुवों पर स्थापित करने के लिए योजनाबद्ध प्रयासों की श्रृंखला में पहला था। चन्द्रमा आधारित कक्ष में स्थापित करने का पहला प्रयास रविवार रात 2230 बजे से 2330 बजे के बीच किया गया।
इसरो ने कहा, “जैसे-जैसे मिशन आगे बढ़ रहा है चंद्रयान-3 की कक्षा को धीरे-धीरे कम करने और इसे चंद्र ध्रुवों पर स्थापित करने के लिए कई तरीके काम में लिये जा रहे है। ”
कुछ प्रयासों के बाद, प्रणोदन मॉड्यूल कक्षा में रहते हुए लैंडर से अलग हो जाएगा। इसके बाद, 23 अगस्त को चंद्रमा के अब तक अनछुए दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की सुविधा के लिए जटिल प्रक्रियों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया जाएगा।
अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि चंद्रयान-3 की सेहत सामान्य है। “पूरे मिशन के दौरान अंतरिक्ष यान के स्वास्थ्य की लगातार इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स), बयालू के पास भारतीय डीप स्पेस नेटवर्क (आईडीएसएन) एंटीना बेंगलुरु, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) और जेपीएल डीप स्पेस एंटीना के सहयोग से निगरानी की जा रही है।
इसरो ने पांच अगस्त को कहा था कि चंद्रयान-3 मिशन ने ‘लूनर ऑर्बिट इंसर्शन’ (एलओआई) के सफल समापन के साथ एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है।
यह एलओआई भारतीय समयानुसार शाम सात बजकर12 मिनट से शुरू होकर कुल 1,835 सेकंड के लिए पेरिल्यून में रेट्रो-बर्निंग द्वारा किया गया। चंद्रमा की कक्ष में प्रवेश करने के बाद इसरो ने कहा, “ यह चंद्रयान-3 एमओएक्स, आईएसटीआरएसी मैं चंद्र गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं।”
इसमें कहा गया है, “मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स (एमओएक्स),आईएसटीआरएसी , बेंगलुरु से पेरिल्यून में रेट्रो-बर्निंग का आदेश दिया गया था।”
यह लगातार तीसरी बार है जब इसरो ने मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश करने के अलावा अपने अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया है।
बहुप्रतीक्षित सॉफ्ट लैंडिंग की योजना 23 अगस्त को बनाई गई है, जिसके दौरान लैंडर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के पास एक आराम से उतरने का प्रयास करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस प्रक्रिया में सटीक ब्रेकिंग तकनीकों की आवश्यकता होती है। लैंडिंग प्रयास से पहले, इसरो खतरों और संभावित बाधाओं से मुक्त, सुरक्षित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए लैंडिंग साइट क्षेत्र की पूरी तरह से इमेजिंग करेगा।
सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता भारत को इस ऐतिहासिक मील के पत्थर को हासिल करने के लिए अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के एक चुनिंदा समूह में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी। अब तक केवल अमेरिका, तत्कालीन सोवियत संघ और चीन ने ही यह उपलब्धि हासिल की है।
भारत ने भी इसे अपने पहले ही प्रयास में लगभग हासिल कर लिया था जब उसने जुलाई 2019 में चंद्रयान -2 लॉन्च किया था, लैंडर के लैंडिंग स्थल के बहुत करीब दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले, जिससे मिशन लगभग 99.99 से प्रतिशत अधिक सफल रहा।...////...