चौथा 'नदी उत्सव' शुक्रवार से राजधानी में
21-Sep-2023 08:51 PM 3686
नयी दिल्ली, 21 सितंबर (संवाददाता) भारत में नदियों के किनारों पर विकसित प्राचीन संस्कृति के प्रति नयी पीढ़ी की जागरुकता बढ़ाने और नदियों के स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करने के लिए राजधानी में शुक्रवार से तीन दिन का नदी उत्सव शुरु हो रहा है, जिसमें अन्य कार्यक्रमों के अलावा विषय से संबंधित 18 चुनिंदा फिल्में भी दिखाई जाएंगी। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) और राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को यहां संवाददाताओं से बताया कि 2018 में शुरु की गयी 'नदी उत्सव' परियोजना के तहत यह इस तरह का यह चौथा कार्यक्रम है। राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण अभियान (एनएमसीएम) के सहायक निदेशक अभय मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, “ 'नदी उत्सव' मुख्य रूप से एक वृत्तचित्र फिल्म उत्सव है। इस बार इसके लिए देश भर से सौ से ज्यादा फिल्में प्राप्त हुयी हैं। जिसमें हमने कमेटी ने बाहर की 12 फिल्मों/डॉक्यूमेंट्री का चयन किया है और छह फिल्में आईजीएनसीए ने बनाई हैं।” श्री मिश्रा ने बताया कि कार्यक्रम में दिखाई जाने वाली सभी फिल्में नदियों और पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ देश की प्राचीन नदी संस्कृति के संदेश देने वाली हैं। उन्होंने कहा, “नदियां हमारी संस्कृति रही है। नदियों के साथ लोगों के जुड़ाव को बढ़ाने के प्रयास का हम अभिलेख बनाने की भी कोशिश कर रहे हैं। नदी आधारित संस्कृति पर केन्द्रित इस परियोजना के माध्यम से हर साल एक नदी के किनारे बसे शहर में जाकर वहां पर ‘नदी उत्सव’ करेंगे।” उन्होंने बताया कि तीन-दिवसीय कार्यक्रम में विद्यालयों और महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को आमंत्रित किया है। जिससे वे अपनी नदी को याद करके चित्रित कर सकें। इस दौरान, तीन तरह के प्रदर्शनी सांझी, रिवराइन कल्चल पर फोटोग्राफी, स्कूली विद्यार्थियों की चित्रकारी लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि छोटे शहरों की कहानी छोटे बच्चे और नए कलाकारों, नए निर्देशकों को लोगों से परिचित कराना है।” इस कार्यक्रम में पर्यावरणविदों और विभिन्न विषयों के विद्वानों के साथ विद्वतापूर्ण चर्चाएं, फिल्मों की स्क्रीनिंग, प्रख्यात कलाकारों की प्रस्तुतियां, कठपुतली शो, विभिन्न पुस्तकों पर चर्चा होगी। अंतिम दिन पांच फिल्मों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। तीन दिवसीय आयोजन का शुभारंभ 22 सितंबर को 10.30 बजे पूर्वाह्न आईजीएनसीए के कॉन्फ्रेंस हॉल उमंग में होगा। 'नदी उत्सव' आयोजन में प्राचीन ग्रंथों में नदियों का उल्लेख, नदियों के किनारे सांस्कृतिक विरासत, लोक और सांस्कृतिक परम्परा में नदियां सहित कई विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किए जाएंगे। इस कार्यक्रम में सुश्री श्वेता देवेन्द्र और उनकी टीम नमृदा स्तुति और दशावतार पर प्रस्तुति देने भोपाल से आ रहे हैं। जिसमें कालिया मर्दन विशेष रूप से है। इसके अलावा, राष्ट्रीय समिनार, जाने-माने लेखकों, पपेट शो, डॉक्यूमेंट्री फिल्म फेस्टिवल और एक छोटा बुक फेयर को नदी और पर्यावरण पर छपी किताबों को यहां प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किया है। पहले तीन उत्सव 2018 में गोदावरी के किनारे नासिक (महाराष्ट्र), कृष्णा तट पर से विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में और गंगा के किनारे मुंगेर (बिहार) में आयोजित किए गए थे। इस अवसर पर जनपद संवदा विभाग के एचओडी अनिल के कुमार, एनएमसीएम की निदेशक ऋचा नेगी, आईजीएनसीए के मीडिया कंट्रोलर पुनीत पुनेठा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।...////...
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