छुट्टी में काम हुआ तय तो अतिरिक्त मानदेय के दावे को अस्वीकार करना ग़लत
24-Aug-2023 06:46 PM 5857
प्रयागराज 24 अगस्त (संवाददाता) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि छुट्टी में काम हुआ साबित है,तो काम के एक माह का अतिरिक्त कार्य का मानदेय के भुगतान का दावा यह कहते हुए निरस्त नहीं कर सकते कि याची उपस्थिति प्रमाणपत्र नहीं दे सका। यह प्रक्रियात्मक त्रुटि है जिसे याची द्वारा दुरूस्त किया जा सकता है। कोर्ट ने डायरेक्टर विजिलेंस के आदेश 18 जनवरी 2019 तथा इसके खिलाफ याचिका खारिज करने के एकल न्यायपीठ के आदेश तीन जुलाई 2023 के आदेश को रद कर दिया है और डायरेक्टर विजिलेंस को एक माह में नियमानुसार आदेश पारित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस डी सिंह तथा न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार की खंडपीठ ने विनोद कुमार सिंह की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। याची का कहना था कि उससे छुट्टी में अतिरिक्त कार्य लिया गया। नियमानुसार उसे इसका अतिरिक्त मानदेय पाने का अधिकार है। डायरेक्टर ने यह कहते हुए भुगतान से इंकार कर दिया कि याची छुट्टी में हाजिर नहीं था और न ही उसने छुट्टी में काम का प्रमाण-पत्र ही पेश किया। याची ने आरटीआई में उपस्थित की जानकारी मांगी। प्राप्त जानकारी अदालत में दाखिल की गई, जिसमें उसे उपस्थित बताया गया है लेकिन निचली अदालत ने डायरेक्टर के आदेश को सही माना ,और याचिका खारिज कर दी।याची चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। कोर्ट ने डायरेक्टर के आदेश को दुराग्रहपूर्ण माना और कहा कि जब छुट्टी में काम होना साबित हो तो दावे को अस्वीकार नहीं कर सकते।...////...
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