दक्षिण कोरिया भारतीय विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए ढेरों मौके दे रहा है: सांग-वू लिम
06-Jul-2023 07:07 PM 1320
नयी दिल्ली, 06 जुलाई (संवाददाता) दक्षिण कोरिया और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए, भारत में कोरिया गणराज्य के दूतावास और कोरियाई सांस्कृतिक केंद्र ने एक कार्यक्रम 'दक्षिण कोरियाई राजनयिक के साथ बातचीत' तैयार किया है। राजनयिक दक्षिण कोरिया का परिचय देने के लिए भारतीय स्कूलों का दौरा करते हैं। यह कार्यक्रम एक राजनयिक की भूमिका और उसके महत्व की गहन जानकारी देता है और विद्यार्थियों के लिए यह एक नया अनुभव है। कार्यक्रम के अनुरूप, भारत में कोरिया गणराज्य के दूतावास अधिकारी सांग-वू लिम (मिशन के उप प्रमुख) का एक व्याख्यान माउंट आबू पब्लिक स्कूल ऑडिटोरियम रोहिणी में आयोजित किया गया। स्कूल की प्रधानाचार्य ज्योति अरोड़ा ने अधिकारी का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में 300 छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया। श्री लिम ने अपने व्याख्यान में 'शांति निर्माता' के रूप में राजनयिक की भूमिका का परिचय दिया। उन्होंने भारत और कोरिया के साझा अतीत, गतिशील संबंध-उन्मुख वर्तमान और भविष्य के लिए दोनों देशों के बीच तालमेल पर आधारित दक्षिण कोरियाई संस्कृति के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि दक्षिण कोरिया की जन्म दर बहुत तेजी से घट रही है और दक्षिण कोरियाई सरकार कुशल और अकुशल दोनों तरह के श्रमिकों के लिए भारत सरकार से बातचीत कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में दक्षिण कोरिया में विदेशी छात्रों को विशेषकर भारत से आकर्षित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम हैं। सुश्री अरोड़ा ने कहा कि स्कूल पिछले नौ वर्षों से क्विज़, निबंध, सैमुलनोरी जैसी विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के माध्यम से केसीसीआई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा की विभिन्न संस्कृतियों को समझना और उनकी सराहना करना और इस पर सक्रिय रूप से काम करते रहने से राष्ट्रों के बीच पुल बनता है जो शांतिपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने की कुंजी है। कोरियाई संस्कृति में छात्रों की रुचि अद्भुत थी। वे संस्कृति के बारे में अच्छी तरह से जानते थे, चाहे वह कोरियाई भोजन, संगीत, नाटक या प्रौद्योगिकी हो। कक्षा आठ की छात्रा भव्या ने कहा कि उसे के-ड्रामा, भोजन, फैशन और संगीत पसंद है जो उसे बहुत प्रासंगिक लगता है। कोरियाई नाटकों के माध्यम से उसने नये शब्द सीखे जो सीखने की प्रक्रिया को मज़ेदार बनाते है। दक्षिण कोरियाई राजनयिक जल्द ही भारतीय छात्रों को राजनयिक बनने की प्रेरणा देने के लिए अहलकॉन इंटरनेशनल स्कूल और नेशनल विक्टर पब्लिक स्कूल के छात्रों से मिलेंगे।...////...
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