डीईआरसी अध्यक्ष शपथ टला, सुप्रीम कोर्ट 11 जुलाई करेगा सुनवाई
04-Jul-2023 07:50 PM 5703
नयी दिल्ली, 04 जुलाई (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के अध्यक्ष के पद की शपथ को अगली सुनवाई 11 जुलाई तक के लिए टालने का मंगलवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने दिल्ली सरकार की याचिका पर संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने उपराज्यपाल द्वारा न्यायमूर्ति कुमार की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए कहा कि वह इस मामले में अगली सुनवाई 11 जुलाई को करेगी। शीर्ष अदालत के समक्ष दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि उनकी (दिल्ली सरकार) की सहमति के बिना न्यायमूर्ति कुमार को डीईआरसी के अध्यक्ष पद पर नियुक्त करना उपराज्यपाल का एकतरफा फैसला कानून सम्मत नहीं है। श्री सिंघवी ने अदालत के समक्ष सवाल किया कि जब डीईआरसी के अध्यक्ष का वेतन और अन्य भुगतान दिल्ली सरकार द्वारा वहन किया जाता है तो उसे (सरकार को) नियुक्ति की अनुमति क्यों नहीं दी जानी चाहिए। अधिवक्ता श्री सिंघवी ने दावा किया,“एक राजनीतिक कार्यकारी के रूप में मैं (दिल्ली सरकार) दिल्ली के सबसे गरीब लोगों को 200 यूनिट बिजली मुहैया कराता हूं। यह दिल्ली की सबसे लोकप्रिय योजना है। अब वह (उपराज्यपाल) किसी को नियुक्त करना और बिजली रोकना चाहते हैं।” श्री सिंघवी ने दलील देते हुए यह भी कहा कि उपराज्यपाल द्वारा नियुक्ति का फैसला संविधान पीठ के फैसले और संविधान के अनुच्छेद 239-एए की भावना के खिलाफ है। उन्होंने गुरुवार को निर्धारित शपथ ग्रहण की जानकारी देते हुए पीठ के समक्ष गुहार लगाई कि वह नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना पर रोक लगाने का निर्देश दे। शीर्ष अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने इस तथ्य पर गौर करने के बाद इस मामले पर आगे की सुनवाई करने का फैसला किया कि याचिका में केंद्र द्वारा जारी नवीनतम अध्यादेश द्वारा संशोधित जीएनसीटीडी अधिनियम की धारा 45 डी की वैधता के बारे में कानूनी मुद्दा उठाया गया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति कुमार की नियुक्ति का समर्थन किया और किसी कारण से संबंधित मंत्री द्वारा सभापति को शपथ दिलाने में देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 19 मई को शीर्ष अदालत द्वारा जारी निर्देश के अनुसार इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सहमति लेने के बाद नियुक्ति की गई थी। डीईआरसी के अध्यक्ष का पद नौ जनवरी 2023 से खाली है। निवर्तमान अध्यक्ष इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन के 65 साल के होने के कारण यह पद खाली है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की बिजली मंत्री आतिशी के खराब स्वास्थ्य के कारण शपथ ग्रहण कार्यक्रम स्थगित होने के बाद तीन जुलाई को उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्यायमूर्ति कुमार का शपथ ग्रहण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराने की सलाह दी थी।...////...
© 2025 - All Rights Reserved - Youth18 | Hosted by SysNano Infotech | Version Yellow Loop 24.12.01 | Structured Data Test | ^