15-Feb-2024 09:15 PM
8052
लखनऊ, 15 फरवरी (संवाददाता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वनवासी समाज देश के अतीत की परंपराओं का वाहक है और धरती को माता मान कर माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या: के दिव्य भाव के साथ आज भी भारत की अरण्य संस्कृति को न केवल लेकर चल रहा है, बल्कि उसके माध्यम से वैश्विक समुदाय को नया संदेश भी दे रहा है। एचपीसीएल के सीएसआर फंड के सहयोग से सेवा समर्पण संस्थान के एकलव्य वनवास छात्रावास के लोकार्पण एवं सारंग धनुर्विद्या प्रशिक्षण केंद्र के शिलान्यास कार्यक्रम में उन्होने कहा कि अगर प्रकृति और परमात्मा के बीच में समन्वय नहीं होगा तो प्रलय जरूर आएगा। इससे बचना है तो हमें वन परंपरा के साथ जुड़ना होगा और कहीं न कहीं अरण्य संस्कृति को पुनर्जीवित और पुनर्स्थापित भी करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बुधवार को गोरखपुर के वनटांगिया गांव में गये थे। वहां के लोगों को वर्ष 2017 में प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनने पर वास्तविक आजादी मिल पाई थी, क्योंकि डबल इंजन की सरकार ने आजादी के 70 वर्षों के बाद उनके गांव को राजस्व गांव का दर्जा दिया। इतना ही नहीं उन्हें वोट देने का अधिकार मिला। जिन गांवों में एक भी मकान नहीं थे, उन्हें जमीन के पट्टे दिये गये। आवास की सुविधा दी गई। उन्होंने कहा कि मेरे वहां जाने पर उनके चेहरे की खुशी डबल इंजन की सरकार द्वारा उनके हितों के लिए किए गए कार्यों को बयां कर रही थी। इतना ही नहीं वह भी इस समाज और व्यवस्था की मुख्य धारा के साथ जुड़कर अत्यंत प्रफुल्लित थे।...////...