परमाणु निरीक्षण पर गतिरोध के बाद नॉर्थ कोरिया 1994 में IAEA से हट गया था. उसने दावा किया कि एजेंसी का इस्तेमाल वाशिंगटन द्वारा उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करने के लिए किया जा रहा था.
नॉर्थ कोरिया अपने परमाणु हथियारों को कभी नहीं छोड़ेगा... यह बात नॉर्थ कोरिया के तानाशाह ने साफ कर दी है. इस देश ने कहा है कि उसके द्वारा परमाणु हथियारों को छोड़ने का जो सपना अमेरिका देख रहा है, वह कभी पूरा होने वाला नहीं है. परमाणु शक्ति संपन्न होना अब उसके देश के कानून में ही स्थाई हो चुका है. नॉर्थ कोरिया ने कहा है कि परमाणु हथियार से लैस देश के रूप में उसकी स्थिति उसके कानून में "स्थायी रूप से निहित" और "अपरिवर्तनीय" है. नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार यह बात कहते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उसके परमाणु निरस्त्रीकरण की मांग की निंदा की गई है.
कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ कोरिया के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने आधिकारिक बयान में कहा, "हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में, अमेरिका ने हमारे परमाणु हथियारों को अवैध बताकर और परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में चिल्लाकर एक बार फिर गंभीर राजनीतिक उकसावे की कार्रवाई की है."
AFP की रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ कोरिया की तरफ से कहा गया है कि IAEA के पास "परमाणु अप्रसार संधि के बाहर मौजूद परमाणु-सशस्त्र देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का न तो कानूनी अधिकार है और न ही नैतिक औचित्य".
गौरतलब है कि परमाणु निरीक्षण पर गतिरोध के बाद नॉर्थ कोरिया 1994 में IAEA से हट गया था. उसने दावा किया कि एजेंसी का इस्तेमाल वाशिंगटन द्वारा उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करने के लिए किया जा रहा था.
नॉर्थ कोरिया के आधिकारिक नाम का उपयोग करते हुए अब नए बयान में कहा गया, "प्योंगयांग डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया की वर्तमान स्थिति को बदलने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से विरोध और अस्वीकार करेगा.”
इस बयान के आने से पहले ही, पिछले हफ्ते नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने एक हथियार पर रिचर्स करने वाली फैसिलिटी की यात्रा की थी, जहां उन्होंने कहा था कि प्योंगयांग "परमाणु बलों और पारंपरिक सशस्त्र बलों के निर्माण को एक साथ आगे बढ़ाने की नीति को आगे बढ़ाएगा."