सम्मेलन 9 सितंबर को इजराइल के दोहा पर हुए हमले के जवाब में आयोजित किया गया था, जिसमें हमास के नेताओं को निशाना बनाया गया था और छह लोगों की मौत हो गई थी, कतर पर इजरायल के जरिए 9 सितंबर को दोहा में हुए हमले के बाद, अरब मुस्लिम सम्मेलन या ये कहें इमरजेंसी मुस्लिम सम्मेलन, कतर के दोहा में आयोजित किया गया है, जिसमें सऊदी, ईरान, इराक, यूएई, जोर्डन, तुर्की, पाकिस्तान, मलेशिया, सीरिया समेत तकरीबन 50 मुस्लिम देशों ने इसमें हिस्सा लिया. साथ ही इजरायल के खिलाफ एकजुटता की बात कही और इजरायल के हमले की निंदा की.
वहीं, गाज़ा के मुद्दे पर भी सब एक साथ दिखे. गौर करने वाली बात ये है कि इजरायल ने आज भी गाजा पर हमला किया. अब देखना होगा कि इस मीटिंग के बाद क्या इजरायल पर कोई असर पड़ेगा. या मुस्लिम देश अब कोई बड़ा कदम उठाएंगे.
ये सम्मेलन 9 सितंबर को इजराइल के दोहा पर हुए हमले के जवाब में आयोजित किया गया था, जिसमें हमास के नेताओं को निशाना बनाया गया था और छह लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से एक कतरी नागरिक भी था, वहीं इस सम्मेलन में क्या-क्या कहा मुस्लिम देशों ने .. पढ़िए एनडीटीवी की रिपोर्ट.
शेख तमीम बिन हमद अल थानी का मुख्य भाषण
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने अरब मुस्लिम सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए एक जोरदार भाषण दिया. उन्होंने कहा “मेरे देश की राजधानी एक विश्वासघाती हमले का शिकार हुई जिसमें हमास नेताओं के परिवारों और उनके वार्ता प्रतिनिधिमंडल के निवास को निशाना बनाया गया”
शेख तमीम ने इजराइल के हमले को “कायरतापूर्ण और गद्दारी भरा कार्य” बताया और कहा कि “हमारे नागरिक स्तब्ध रह गए और पूरी दुनिया इस कायरतापूर्ण आक्रामकता और आतंकवादी कृत्य से हैरान रह गई”
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान के कड़े शब्द
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए इजराइल की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा “कतर पर हमला, जिसने फिलिस्तीनी समूह हमास की वार्ता टीम को निशाना बनाया उसने ने ‘इजराइल की दस्युता' को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है”
एर्दोगान ने आगे कहा: “हम इजराइल की आतंकवादी मानसिकता का सामना कर रहे हैं जो अराजकता और खून से पोषित होती है और एक राज्य जो इसे मूर्त रूप देता है”. तुर्की राष्ट्रपति ने मुस्लिम देशों से आग्रह किया, “हमें इजराइल को जवाबदेह ठहराने और अपने अधिकारियों को मुकदमे में लाने के लिए राजनयिक प्रयासों को तेज करना चाहिए”.
ईरान के राष्ट्रपति पेजेश्कियान का आह्वान
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने शिखर सम्मेलन में भाग लेते हुए मुस्लिम देशों से इजराइल के साथ संबंध तोड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, “इस्लामिक देश इस नकली शासन के साथ अपने संबंध तोड़ सकते हैं और जितना संभव हो एकता और सामंजस्य बनाए रख सकते हैं”.
पेजेश्कियान ने आगे कहा: “मुस्लिम देशों को एक-दूसरे के साथ एकजुट होना चाहिए और जायोनी शासन के बहिष्कार के लिए आर्थिक, सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्रों में व्यावहारिक उपाय करने चाहिए”. ईरानी राष्ट्रपति ने यह भी कहा, “इजराइल एक तरफ गाजा के निहत्थे लोगों के खिलाफ निरंतर बमबारी के जरिए अपराध कर रहा है, और दूसरी तरफ बच्चों, महिलाओं और पुरुषों को भुखमरी की बलि चढ़ा रहा है.यह बिल्कुल असहनीय है”.
जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय का संदेश
जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय ने शिखर सम्मेलन में कड़े शब्दों में इजराइल की निंदा की. उन्होंने कहा “कतर पर हमला इस बात का प्रमाण है कि इजराइली खतरे की कोई सीमा नहीं है, और हमारी प्रतिक्रिया स्पष्ट, दृढ़ और निवारक होनी चाहिए”. हमारी प्रतिक्रिया स्पष्ट, दृढ़ और निवारक होनी चाहिए” और जोर दिया कि शिखर सम्मेलन को “इस चरमपंथी इजराइली सरकार के खतरे” का सामना करने के लिए व्यावहारिक निर्णय लेने चाहिए".