03-Aug-2023 10:16 PM
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शिमला, 03 अगस्त (संवाददाता) हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा में भी यह सरकार राजनीति से बाज नहीं आ रही है। गलती से भी मुख्यमंत्री केंद्र सरकार द्वारा की गई सहायता का क्रेडिट केंद्र सरकार को नहीं देना चाहते हैं। यह सरकार हर हाल में केंद्र सरकार को कोसना चाहती है।
श्री ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश की दिल खोलकर मदद कर रहा है लेकिन राज्य सरकार हर बात में केंद्र को गाली देने के मौक़े तलाश रही है। अब तो आलम यह है कि केंद्र सरकार द्वारा दी गई मदद पर आभार जताने के बयान को भी सरकार वापस ले रही है। ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदेश सरकार केंद्र सरकार द्वारा दी गई हर मदद के बदले किसी न किसी प्रकार की ओछी हरकत करने का प्रयास कर रही है। सरकार में बैठे लोग सिर्फ़ और सिर्फ़ केंद्र सरकार की बुराई करने में लगे हैं। दुःख इस बात का है कि इसमें न सिर्फ़ मुख्यमंत्री अपितु उनके मंत्री, सरकार में बैठे अन्य लोग और पार्टी के अन्य नेताओं में केंद्र सरकार को गाली देने की होड़ लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार बाद में भी राजनीति कर सकती है। इस समय प्रदेश को आपदा से राहत की ज़रूरत है। इसलिए मुख्यमंत्री और उनकी पूरी टीम को आपदा राहत पर फोकस होकर काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली गये और उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से मिले। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ‘सुक्खू’ ने केंद्र सरकार की योजना ‘स्कीम फॉर स्पैशल असैसमैंट’ के तरह हिमाचल प्रदेश को 830 करोड़ रुपये की विशेष केंद्रीय सहायता के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार व्यक्त किया। इस आशय से उन्होंने मीडिया में वक्तव्य भी जारी कर दिया। फिर सरकार में बैठे लोगों को लगा कि उन्होंने केंद्र सरकार की तारीफ़ कर दी है, यह तो बहुत ग़लत हो गया। आधे घंटे के अंदर फिर से उस प्रेस वक्तव्य को वापस लिया गया और जो धनराशि जारी हो चुकी है उसे फिर ‘जारी करने का आग्रह करने’ का वक्तव्य जारी किया गया, जिससे यह साबित किया जा सके कि केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की गंदी राजनीति करके सरकार क्या हासिल करना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि बरसात के कारण आई आपदा के बीच हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार की तरफ से ‘स्कीम फॉर स्पैशल असैसमैंट’ के तहत वर्ष 2023-24 के लिए 553.36 करोड़ रुपए की पहली किस्त जारी हुई हो चुकी है । यह राशि 8 अलग-अलग क्षेत्रों में विकासात्मक कार्यों पर खर्च करने के लिए दी जाती है। यह राशि मैडीकल एजुकेशन, भाषा, कला एवं संस्कृति, जल शक्ति, शहरी विकास, लोकनिर्माण, तकनीकी शिक्षा, लैंड रिकॉर्ड और परिवहन क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों पर खर्च की जानी है। केंद्र सरकार से इस स्कीम के तहत 830 करोड़ रुपए का बजट मंजूर हुआ है, जिसकी पहली किस्त राज्य को मिल चुकी है। 276 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त राज्य सरकार द्वारा यूटिलाइजेशन सर्टीफिकेट जमा करवाने के बाद बाद जारी होगी। इसी योजना की धनराशि के लिए पहले मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री का आभार जताया और हिमाचल में इस योजना के पैसे जारी करने का आग्रह करते हुए प्रेस वक्तव्य जारी कर दिया।...////...