07-Dec-2021 11:14 PM
3445
जम्मू 07 दिसंबर (AGENCY) जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य के दर्ज की पुनः बहाली की उम्मीद जताते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को यहां कहा कि हम हिंसा के पक्षधर नहीं है, हम शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे।
डॉ. अब्दुल्ला ने कहा कि लोग अपने अधिकारों के लिए खड़े होने के अपने संकल्प दृढ़ हैं।
उन्होंने कहा, “हमलोग अपने अधिकारों के लिए शांतपूर्ण तरीके से लड़ेंगे क्योंकि हम हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं।“ यहां शेर-ए-कश्मीर भवन में नेशनल कांफ्रेंस सेंट्रल जोन के एक दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन और 750 किसानों की मौत का उल्लेख करते हुए कहा कि किसानों के कड़े विरोध के कारण केंद्र सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने पर मजबूर हुई। उन्होंने कहा कि केंद्र को पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में हार का डर सता रहा था, जिसके कारण वह कृषि कानूनों को रद्द करने पर मजबूर हुयी।
उन्होंने कहा, “कृषि कानूनों को विपक्ष द्वारा बहस और चर्चा की मांग के बावजूद हड़बड़ी में बिना चर्चा कराये पारित किया गया था। संख्या बल का ऐसा अहंकार था कि कृषि बिलों को प्रवर समिति को भेजने की दलील पर भी ध्यान नहीं दिया गया था।”
उन्होंने कहा कि आखिरकार सरकार को किसानों की दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे झुकना पड़ा। उन्होंने कहा कि "लोकतंत्र में चर्चा का प्रावधान है और इस प्रक्रिया में बाधाएं पैदा करना देश के लोकतांत्रिक लोकाचार के खिलाफ है।" उन्होंने अगस्त 2019 के राजनीतिक घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने को प्रदेश के लोगों के अधिकारों का हनन बताया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “इस राज्य के लोगों ने महात्मा गांधी के भारत को स्वीकार किया है, न कि नाथूराम गोडसे के भारत में। नफरत और सांप्रदायिक राजनीति देश के हित में नहीं है और भाजपा को इसे बेहतर तरीके से समझना चाहिए।" उन्होंने कहा, “देश विरोधी नहीं है।" उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत सभी का है, चाहे वह किसी भी क्षेत्र, धर्म या जाति का हो। मिलजुलकर रहने से ही राष्ट्र फलेगा-फूलेगा।...////...